सार
पंचायत चुनाव के दौरान हो रही हिंसा को रोकने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया है। बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने इसके खिलाफ याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के स्टेट इलेक्शन कमीशन की याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दी है।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। इस दौरान हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। इसके खिलाफ ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सीनियर वकील मोनिका अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के सामने इस याचिका का उल्लेख किया। इसपर बेंच ने कहा, "हाईकोर्ट केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दे सकता है। आप हाईकोर्ट से समय मांगिए।" इसके जवाब में वकील ने कहा कि हम 13 जून के फैसले (हाईकोर्ट के आदेश) के खिलाफ आपके पास आए हैं। कृपया मंगलवार को इसपर सुनवाई करें।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था 48 घंटे में तैनात करें केंद्रीय बल
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि 18 घंटे के अंदर राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार से मांग की जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि 13 जून को दिए गए निर्देश पर कोई कदम उठाया गया नहीं दिख रहा है। 13 जून को हाईकोर्ट ने बंगाल के संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया था।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित विपक्षी नेताओं ने शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि राज्य में 2022 में नगरपालिका चुनाव और 2021 में कोलकाता नगर निगम चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं हैं। इन घटनाओं में 7 लोग मारे गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में पंचायत चुनाव नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण है।