सार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी। जिस तरह एक आम इंसान अपने घर के लिए बजट बनाता है, वैसे ही सरकार भी पूरे साल के लिए देश का बजट बनाती है। आम बजट में सरकार की आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब होता है। इस बजट में सरकार की आमदनी और प्रस्तावित योजनाओं पर होने वाले खर्च का विवरण भी होता है। आईए जानते हैं बजट के बारे में 10 दिलचस्प बातें
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी। जिस तरह एक आम इंसान अपने घर के लिए बजट बनाता है, वैसे ही सरकार भी पूरे साल के लिए देश का बजट बनाती है। आम बजट में सरकार की आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब होता है। इस बजट में सरकार की आमदनी और प्रस्तावित योजनाओं पर होने वाले खर्च का विवरण भी होता है। आईए जानते हैं बजट के बारे में 10 दिलचस्प बातें
1- बजट शब्द आया कहां से?
बजट शब्द लैटिन भाषा के बुल्गा से लिया गया है। इसका अर्थ होता है, चमड़े का थैला। इसके बाद यह शब्द फ्रांस की भाषा में बोऊगेट बना। इसके बाद कुछ समय बाद यह अंग्रेजी में बोगेट या बोजेट बना। अब यह बजट बन गया।
2-कब पेश हुआ था भारत का पहला बजट
भारत में बजट ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश किया था। जेम्स विल्सन को भारतीय बजट व्यवस्था का जनक भी कहते हैं। भारत में 1867 से 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले वित्त वर्ष की शुरुआत हुई थी। इससे पहले 1 मई से 30 अप्रैल तक वित्त वर्ष होता था।
3- कब पेश हुआ आजाद भारत का पहला बजट
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। इसे वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेस किया था। वहीं, गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था।
4- कहां होती है बजट की छपाई
पहले बजट के दस्तावेज राष्ट्रपति भवन में छापे जाते थे। लेकिन 1950 में ये दस्तावेज लीक हो गए थे। इसके बाद दिल्ली के मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छापे जाने लगे। 1980 से यह बजट नॉर्थ ब्लॉक में प्रिंट होने लगे। पहले बजट सिर्फ अंग्रेजी में छपता था। 1955-56 से यह हिंदी में भी छपने लगा।
5- कैसी रखी जाती है बजट की गोपनीयता
बजट छापने की शुरुआत हलवा रस्म के बाद हो जाती है। इसके लिए वित्त मंत्रालय और प्रेस के करीब 100 अधिकारी हफ्ते दो हफ्ते तक घर से दूर वित्त मंत्रालय में ठहरते हैं। यहां तक की नॉर्थ ब्लॉक में जैमर भी लगा दिया जाता है, ताकि वे किसी से भी फोन पर बात ना कर पाएं।
6- जब भारत में प्रधानमंत्री ने पेश किया बजट
देश में हमेशा वित्तमंत्री ही बजट पेश करते आए हैं। लेकिन तीन बार भारत के इतिहास में ऐसा हुआ कि प्रधानमंत्री को बजट पेश करना पड़ा। ये तीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी थे। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पीएम रहते दो बार देश के वित्त मंत्री भी रहे। उन्होंने 24 जुलाई 1956 से लेकर 30 अगस्त 1956 तक पहली बार वित्त मंत्रालय का पदभार संभाला।
जवाहरलाल नेहरू ने 13 फरवरी 1958 से लेकर 13 मार्च 1958 तक दूसरी बार वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला। वे सिर्फ 29 दिन तक वित्त मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने बजट भी पेश किया है। यह पहला मौका था, जब देश के पीएम ने बजट पेश किया था। दरअसल, नेहरू सरकार में वित्त मंत्री टीटी कृष्णमचारी थे। उन्हें मूंदड़ा घोटाले की वजह से पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस वजह से नेहरू ने संसद में बजट पेश किया।
7- महिला वित्त मंत्री ने कब पहली बार पेश किया बजट ?
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के तौर पर 1970 में आम बजट पेश किया था। उनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार था। हालांकि, पूर्णकालिक वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण पहली महिला हैं।
8- सबसे ज्यादा बार किसने पेश किया बजट
वित्त मंत्री रहे मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 10 बार बजट पेश किया। इसमें 8 आम बजट और 2 अंतरिम बजट थे। देसाई ने वित्त मंत्री रहते 1959-60 से 1963-64 के दौरान 5 बजट पेश किया था। इसके बाद उन्होंने 1962-63 और 1967-68 में दो बार अंतरिम बजट पेश किए। मोरारजी ने अपने दूसरे कार्यकाल में 1967-68 से 1969-70 के दौरान तीन बजट पेश किए। खास बात ये है कि मोरारजी ने दो बार अपने जन्मदिन पर ही बजट पेश किया। उनका जन्म दिन 29 फरवरी को होता था।
9- कब बजट के समय में हुआ बदलाव
पहले अंग्रेजी परंपरा के मुताबिक, बजट शाम 5 बजे पेश होता था। लेकिन 2001 में अटल बिहारी सरकार में इस परंपरा को तोड़ा गया। तब से बजट 11 बजे संसद में पेश किया जाने लगा। पहली बार वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया था।
10- 1 फरवरी से पेश किया जाने लगा बजट
2017 तक फरवरी के आखिरी कामकाजी दिन बजट पेश किया जाता था। लेकिन 2017 से मोदी सरकार 1 फरवरी या पहले कामकाजी दिन बजट पेश किया जाने लगा। इसके अलावा 2017 से ही रेल बजट और आम बजट को भी समायोजित किया जाने लगा।