सार
मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (ISRO chairman S Somnath) को सम्मानित किया। राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी उनसे मुलाकात की।
बेंगलुरु। मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से इसरो (ISRO) को देश विदेश से बधाइयां मिल रहीं हैं। इसी क्रम में गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बेंगलुरु स्थिति इसरो के मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने मिशन मून की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसके साथ ही सिद्धारमैया ने इसरो के चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ को सम्मानित भी किया।
सिद्धारमैया ने इसरो मुख्यालय जाने और वैज्ञानिकों से बातचीत करने का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया है। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट किया, “ये वैज्ञानिक चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की सफलता के पीछे की ताकतें हैं। विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर सुरक्षित उतरने के बाद पूरी दुनिया ने इनकी उपलब्धि का जश्न मनाया है। आज इसरो ऑफिस का दौरा किया और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत की सराहना की। यह कन्नड़वासियों के लिए गर्व की बात है कि इसरो हमारी कर्नाटक की धरती पर है। मुझे उम्मीद है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में महान उपलब्धियां हासिल करने वाला इसरो निकट भविष्य में इंसान को चंद्रमा पर भेजने और सौर मिशनों में भी कामयाबी हासिल करेगा। यह भारतीयों का गौरव और बढ़ाएगा।”
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने दी वैज्ञानिकों को बधाई
इससे पहले कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा, "वैज्ञानिकों के प्रयास अविस्मरणीय हैं। वे निस्संदेह हमारे देश के गौरव हैं। इस सराहनीय उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई।”
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इसरो ने बुधवार की शाम रचा था इतिहास
बता दें कि इसरो ने बुधवार की शाम 6.04 बजे इतिहास रचा था। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की थी। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के इस हिस्से में पहुंचने वाला पहला देश बन गया। चंद्रमा पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश है। अमेरिका, सोवियत रूस और चीन ने पहले अपने अंतरिक्ष यानों को चंद्रमा पर उतारा है, लेकिन कोई भी देश इसके दक्षिणी ध्रुव पर नहीं गया था।
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