सार

देश में कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब तक 14.78 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। 1 मई से 18 से ऊपर के सभी लोग टीका लगवा सकेंगे। हालांकि, देश में कुछ लोग ऐसे भी थे, जो वैक्सीन को लेकर लगातार झूठ और भ्रम फैला रहे थे। इनमें मीडिया संस्थान भी शामिल हैं। 

नई दिल्ली. देश में कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब तक 14.78 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। 1 मई से 18 से ऊपर के सभी लोग टीका लगवा सकेंगे। हालांकि, देश में कुछ लोग ऐसे भी थे, जो वैक्सीन को लेकर लगातार झूठ और भ्रम फैला रहे थे। इनमें मीडिया संस्थान भी शामिल हैं। 

दरअसल, भाजपा से राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने द प्रिंट के जनवरी में प्रकाशित किए ऐसे तीन आर्टिकल शेयर किए। उन्होंने इसे गैरजिम्मेदार और अयोग्य पत्रकारिता कहते हुए बताया कि कैसे द प्रिंट के इन आर्टिकल में वैक्सीन को लेकर भ्रम और झूठ फैलाए गए। 

 


क्या था आर्टिकल में?

- 5 जनवरी को छपे आर्टिकल में डीजीसीआई के कोवैक्सिन को अप्रूवल देने को राजनीतिक जुमला करार दिया गया। 

- इसी दिन द प्रिंट ने एक और खबर छापी। इसमें बताया गया कि कैसे भारत बायोटेक ने एक दिन में एक्सपर्ट पैनल का मन बदला और अप्रूवल लिया। 

- 11 जनवरी को छापे गए आर्टिकल 'Majority Indians have natural immunity. vaccine entire population can Cause harm' में दावा किया गया कि भारत में लोगों में नेचुरल इम्युनिटी है। ऐसे में पूरी जनसंख्या को वैक्सीन लगाना नुकसान देह हो सकता है।