सार

दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने का दोषी चीन को माना जाता है। भारत से चीन के रिश्ते ठीक नहीं हैं। बावजूद चीन को यह मानना पड़ा है कि भारत में निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन चीन के प्रॉडक्ट के मुकाबले बेहतर हैं। ग्लोबल टाइम्स ने इस आशय का एक लेख छापा है। इस लेख में चीनी विशेषज्ञों ने एकमत से कहा कि भारत में बनी वैक्सीन न सिर्फ क्वालिटी में बेहतर है, बल्कि उसकी कीमत भी कमी है।
 

नई दिल्ली/बीजिंग. 16 जनवरी से देश में शुरू हो रहे वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं। यहां भले वैक्सीन को लेकर राजनीति छिड़ी हुई हो, लेकिन वायरस के 'जनक' कहे जा रहे चीन ने भारत में निर्मित वैक्सीन की तारीफ की है। चीन कम्युनिस्ट पार्टी के ग्लोबल टाइम्स में चीनी विशेषज्ञों के हवाले से एक लेख छापा गया है। इसमें स्वीकार किया गया कि भारत में निर्मित वैक्सीन चीनी प्रॉडक्ट की तुलना में गुणवत्ता कहीं से भी कम नहीं हैं। वहीं, इसकी कीमत भी कम है।

दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं
चीन ने भारी और आधे-अधूरे मन से स्वीकार किया कि दक्षिण एशियाई पड़ोस देश यानी भारत में बने वैक्सीन की गुणवत्ता किसी भी मामले में पीछे नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, भारत वैक्सीन के निर्यात की योजना भी बना रहा है। इसी के चलते सारी दुनिया की नजरें भारत की वैक्सीन पर टिकी हैं। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। भारत में श्रम कीमतों में कमी और अच्छी सुविधाओं के चलते वैक्सीन की कीमतें कम हैं। इस रिपोर्ट में जिलिन यूनिवर्सिटी का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत जेनेरिक दवाओं के मामले में नंबर एक पोजिशन रखता है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने गुरुवार को सीरम इंस्टीट्यूट से 15 लाख वैक्सीन लेने का ऐलान किया था।

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