सार

पीएम मोदी के पैतृक गांव वडनगर में मानव इतिहास के 800 साल पुरानी बस्ती होने के सबूत मिले है। इसके लिए आईआईटी खड़गपुर, आर्किटेक्चर सर्वे ऑफ इंडिया, जेएनयू, डेक्कन कॉलेज के पुरातत्व विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से इस विषय पर स्टडी की है।

वडनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैतृक गांव वडनगर में मानव इतिहास के 800 साल पुरानी बस्ती होने के सबूत मिले है। इसके लिए आईआईटी खड़गपुर, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जेएनयू, डेक्कन कॉलेज के पुरातत्व विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से यहां पर स्टडी की है। इस टीम को चौंकाने वाले नतीजे मिले है। इससे ये पता चलता है कि "अंधकार युग" एक मिथक था।  यह युग 800 ईसा पूर्व उत्तर वैदिक काल होने का प्रमाण मिलता है।

यह जानकारी आईआईटी खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने साझा तौर पर जानकारी साझा की है। इस स्टडी का टाईटल "मानव निपटान और प्रवासन: वडनगर, पश्चिमी भारत में नए पुरातत्व उत्खनन से साक्ष्य" था, जिसका प्रकाशन क्वाटरनरी साइंस रिव्यू में हुआ था। इस स्टडी के निष्कर्ष में पाया गया कि 3000 साल के समय में विभिन्न राज्यों का उत्थान और पतन, साथ ही मध्य एशियाई योद्धाओं द्वारा बार-बार होने वाले आक्रमण, अतिवृष्टि या सूखे जैसे गंभीर जलवायु परिवर्तनों से प्रभावित थे।

वडनगर में बनेगा डिजिटल म्यूजियम

वडनगर में यह एएसआई के नेतृत्व में गहरी पुरातात्तविक खुदाई की गई। इस स्टडी के लिए गुजरात सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय ने आर्थिक मदद की। उन्होंने मौर्य से लेकर गायकवाड़-ब्रिटिश औपनिवेशिक शासक तक सात चरण खोजे है। इस संग्रहालय को भारत का पहला डिजिटल म्यूजियम बनाने का काम सौंपा गया है।

चांदी, लोहा और डिजाइनर चुड़ियां मिली

एएसआई से जुड़े डॉ अभिजीत अंबेडकर ने रिपोर्ट में बताया है कि वडनगर एक बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक बस्ती थी। इसमें अलग-अलग सांस्कृतिक काल और सबसे पुराने बौद्ध मठों में से एक के होने का खुलासा करती है। यहां पर खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन, तांबा, सोने की बनी कलाकृतियां, चांदी, लोहे की वस्तुएं, डिजाइनर चूड़ियाँ और इंडो-ग्रीक शासन के सिक्कों के सांचे मिले है।

अंधकार युग के कांसेप्ट को चुनौती देती है यह स्टडी

सिंधु घाटी सभ्यता के पतन और लौह युग के बीच गैप को अंधकार युग कहा जाता है। यह स्टडी अंधकार युग के होने को चुनौती देती है। इस स्टडी से यह भी पता चलता है कि पिछले 5500 वर्षों से भारत में सांस्कृतिक निरंतरता होने का सबूत देते है। आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर अनिद्य सरकार ने स्टडी पेपर में बताया है कि 1400 ईसा पूर्व जितनी पुरानी बस्ती का संकेत देती है। ऐसे में यह अंधकार युग के कांसेप्ट को चुनौती देती है। 

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