सार

राजनाथ सिंह ने कहा कि लोग इतिहास पढ़ते हैं लेकिन 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले हर भारतीय सैनिक ने इतिहास रच दिया। हमें अपने सभी सैनिकों पर गर्व है। 

लखनऊ.  केंद्रीय रक्षा मंत्री (Defence Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने  रविवार को लखनऊ के तेलीबाग स्थित अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की रजत जयंती समारोह (Silver Jubilee Celebrations) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की गिनती कद्दावर देशों में होती है। वर्ष 2014 के बाद अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। भारत दुनिया को यह संदेश देने में कामयाब रहा है की दुनिया का कोई भी देश यदि भारत को छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा नहीं। भारत शांतिप्रिय देश के नाम से जाना जाता है। भारत का इतिहास रहा है कि हमने न कभी किसी देश पर आक्रमण किया है और न ही किसी देश की एक इंच ज़मीन पर कब्ज़ा किया। 

भारत दुनिया के सबसे मजबूत देशों में से एक
राजनाथ सिंह ने कहा कि लोग इतिहास पढ़ते हैं लेकिन 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले हर भारतीय सैनिक ने इतिहास रच दिया। हमें अपने सभी सैनिकों पर गर्व है। पाकिस्तान पर निर्णायक जीत के साथ हमने दुनिया को बताया कि भारत और पाकिस्तान की तुलना नहीं की जा सकती। हमने 1971 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया था जहां तक आज के भारत का सवाल है, इसे दुनिया के सबसे मजबूत देशों में से एक माना जाता है। इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता कि दुनिया के सामने भारत का मान बढ़ा है। हम धीरे-धीरे यह संदेश देने में सफल हुए हैं कि कोई भी हो, दुनिया का सबसे ताकतवर देश हो, अगर कोई भारत के लिए कुछ करता है तो भारत उसे नहीं बख्शेगा। यह भरोसा लोगों के अंदर आया है।

अब हालात बदल गए हैं
लोगों ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने की ताकत सिर्फ अमेरिका और इस्राइल के पास है। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं, आज दुनिया मानने लगी है कि भारत के पास भी आतंकवाद से लड़ने की ताकत है। हमने सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। 1971 के युद्ध और 1999 के कारगिल युद्ध में हारने वाले पाकिस्तान को अब आतंकवाद से अपने संबंध तोड़ने होंगे।

2014 के बाद हुआ सुधार
इस बार हमारे जवान अपने उस पड़ोसी को संदेश भेजने में सफल रहे। मुझे दुख है कि कुछ राजनीतिक दल हमारे जवानों की वीरता पर सवाल उठाने की कोशिश करते हैं। वे नेतृत्व का नाम लेते हैं लेकिन राजनेता सीमाओं पर नहीं लड़ते,  जवान लड़ते हैं। उन्होंने कहा- हमारा एक और पड़ोसी है। आप इसे अच्छी तरह से जानते हैं, इसका नाम लेने की जरूरत नहीं है। सबके साथ मनमानी करने का मन बना लिया है। कई देशों ने इसका विरोध नहीं किया जैसा उन्हें करना चाहिए था। पहले हमारी स्थिति ऐसी ही थी लेकिन 2014 के बाद स्थिति बदल गई है।

उन्होंने कहा कि  हम अपने सशस्त्र बलों के हाथ कभी नहीं बांधेंगे। उन्हें निर्णय लेने होते हैं। हम उनके फैसले के साथ खड़े होंगे, चाहे कुछ भी हो। यह मैं रक्षा मंत्री के रूप में कहता हूं। अनजाने में फैसला गलत निकला तो भी हम अपने जवानों के साथ खड़े होंगे। हमने 209 चीज़ों की ‘पॉजिटिव लिस्ट’ जारी की है। इसके अलावा और भी चीज़ों की ‘लिस्ट’ जारी करने पर विचार कर रहे हैं। हमारा कहना है कि ‘मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’। पहले हम 70% रक्षा सामान आयात करते थे, अब हम रक्षा खरीद का केवल 35% ही आयात कर रहे हैं।

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