सार

राजधानी दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए कृत्रिम बारिश कराए जाने पर चर्चा हो रही है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर की एक टीम से बात की है।

 

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली (Delhi air pollution) लगातार गैस चैम्बर बनी हुई है। गुरुवार सुबह भी दिल्ली की हवा 'गंभीर' श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह 6 बजे 421 दर्ज किया गया। इस बीच कृत्रिम बारिश कराकर दिल्ली की हवा साफ किए जाने की संभावना पर भी बात चल रही है।

गुरुवार सुबह साउथ और वेस्ट दिल्ली इलाके सबसे ज्यादा प्रदूषित थे। दिल्ली के कई हवाई निगरानी स्टेशनों ने AQI 400 से ऊपर दर्ज किया। आनंद विहार में 432, आर के पुरम में 453, आईजीआई हवाई अड्डा में 446, मोती बाग में 452, द्वारका में 459, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 414, पंजाबी बाग में 444, अशोक विहार में 434, पटपड़गंज में 424, ओखला में 433, इंडिया गेट में 421 और आईटीओ में 441 AQI दर्ज किया गया। NCR में ग्रेटर नोएडा का 455, फरीदाबाद का 414, गुरुग्राम का 397, नोएडा का 397 और गाजियाबाद का 371 AQI रिकॉर्ड किया गया।

20-21 नवंबर को कराई जा सकती है कृत्रिम बारिश

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि आईआईटी कानपुर की एक टीम के साथ उनकी बैठक हुई है। इस दौरान क्लाउड सीडिंग की मदद से कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर बातचीत की गई ताकि राजधानी के AQI को नीचे लाया जा सके। बादल छाए रहने पर दिल्ली में 20-21 नवंबर को कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।

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दिल्ली सरकार ने आईआईटी टीम से विस्तृत योजना मांगी है। सरकार शुक्रवार को यह प्लान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। कोर्ट दिल्ली की जहरीली हवा से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार कृत्रिम बारिश के लिए कदम उठा सकती है।

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गोपाल राय कहा, “आईआईटी टीम ने कहा है कि कृत्रिम बारिश कराने के लिए कम से कम 40 फीसदी बादल छाए रहना जरूरी है। 20-21 नवंबर को बादल छाए रहने की संभावना है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हम यह प्रस्ताव रखेंगे ताकि कोर्ट इस पर गौर कर सके। अगर कोर्ट हरी झंडी देता है तो हम जरूरी अनुमति लेने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे।”