सार

दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प पर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दिल्ली पुलिस की पीआरओ एसएस रंधावा ने कहा कि रविवार को 2 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, इसमें स्थानीय लोग भी शामिल थे। हमने बहुत कम बल का प्रयोग किया। 

नई दिल्ली. दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प पर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एसएस रंधावा ने कहा कि रविवार को 2 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, इसमें स्थानीय लोग भी शामिल थे। हमने बहुत कम बल का प्रयोग किया। 

दिल्ली पुलिस की मुख्य बातें

- रंधावा ने कहा, प्रदर्शनकारी लगातार पुलिस को भड़का रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चार बसों आग लगाई। कुल 100 बाहनों को नुकसान पहुंचाया गया।
- '30 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। इसमें अफसर रैंक के लोग भी हैं। हमारा एक साथी आईसीयू में है।'
- 'मामले की जांच दिल्ली की क्राइम ब्रांच करेगी।'
- 'छात्र चिंतित ना हों, कार्रवाई उन्हीं के खिलाफ होगी, जो इसमें शामिल थे।'

इन अफवाहों का पुलिस ने किया खंडन

1- पुलिस ने बसों में आग लगाई? 
रंधावा ने कहा, सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रही हैं। किसी अफवाह पर ध्यान ना दें। ना किसी बहकावे में आएं। एक वीडियो चल रहा है, इसमें कहा जा रहा है पुलिस कर्मी ने बस में आग लगाई। जबकि हम उस बस का नंबर दे रहे हैं, जो अभी भी खड़ी है। उस बस में चिंगारी लगी थी, जिसे पुलिसकर्मी पानी से बुझा रहा था।

2- किसी की जान नहीं गई
पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह चल रही है कि कई लोगों की जान चली गई। लेकिन यह सिर्फ अफवाह है। किसी की जान नहीं गई है। इससे पहले जामिया प्रशासन ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि किसी की जान नहीं गई। 

3- फायरिंग नहीं हुई
रंधावा ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो चल रहे हैं कि पुलिस ने भारी फायरिंग की। जबकि कल की घटना में पुलिस की ओर से कोई फायरिंग नहीं हुई। हमने बहुत कम बल का इस्तेमाल किया। 

4- पुलिस बिना इजाजत के जामिया में घुसी
रंधावा के मुताबिक, जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटा रही थी। तो कुछ प्रदर्शनकारी जामिया यूनिवर्सिटी में भी घुस गए। वहां से पथराव किया गया। उन्हीं को हटाने के लिए कुछ पुलिसकर्मी भी यूनिवर्सिटी में गए थे।