सार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिट किए गए वीडियो शेयर करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। वीडियो आरक्षण को लेकर गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर है। इस मामले में पुलिस ने तेलंगाना के सीएम को नोटिस भेजा है।

 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस ने रविवार को केस दर्ज किया था। इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। सोमवार को पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को नोटिस भेजा। उन्हें बुधवार को तलब किया गया है। चार अन्य लोगों को भी मामले की जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया है। सभी तेलंगाना से हैं।

कहा जा रहा है कि वीडियो को तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया था। इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने दोबारा पोस्ट किया। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल द्वारा मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में असम से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर गिरफ्तारी की जानकारी दी। गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम रीतोम सिंह है।

 

 

वीडियो में दिखाने की कोशिश की गई है कि भाषण के दौरान अमित शाह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण कोटा खत्म करने की बात कर रहे हैं। यह वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने गलत वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।

भाजपा द्वारा वीडियो को लेकर पुलिस अधिकारियों से शिकायत की गई थी। इसके बाद रविवार को दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। भाजपा ने कहा है कि रैली के दौरान दिए गए अमित शाह के भाषण में हेरफेर किया गया है। भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा है कि अमित शाह ने रैली में तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण कोटा के मुद्दे पर बात की थी। वीडियो एडिट कर उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।

 

 

अमित मालवीय ने कहा फर्जी वीडियो शेयर करने वाले कानूनी नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें

अमित मालवीय ने कहा, "कांग्रेस एक एडिट किए गए वीडियो को फैला रही है। यह पूरी तरह फर्जी है। इससे बड़े स्तर पर हिंसा होने का खतरा है। अमित शाह ने मुसलमानों को असंवैधानिक तरीके से दिए गए आरक्षण को खत्म करने के बारे में बात की थी। एसी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण कम कर धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया है। इस फर्जी वीडियो को कई कांग्रेसी प्रवक्ताओं ने पोस्ट किया है। उन्हें इसके कानूनी नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।"

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वीडियो को लेकर विवाद तब बढ़ गया जब कांग्रेस से जुड़े आधिकारिक अकाउंट सहित विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल ने छेड़छाड़ की गई फुटेज को शेयर किया गया। इसके साथ ही आरोप लगाया गया कि इससे भाजपा के "एससी/एसटी आरक्षण कोटा खत्म करने के एजेंडे" का पता चलता है।

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