सार

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देश शोक में डूबा है। उनकी सर्जरी के दौरान की एक अनसुनी कहानी सामने आई है, जो उनके देशभक्ति को दर्शाती है।

Dr Manmohan Singh passes away: डॉ.मनमोहन सिंह के निधन से देश ने एक महान अर्थशास्त्री खो दिया है। दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉ.मनमोहन सिंह को देश कैसे याद करेगा तो उनके ही शब्दों में कहें तो इतिहास उनके प्रति बेहद दयालु ही रहेगा। भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार पकड़ाने मामला हो या मध्यमवर्ग और गरीबों के जीवन की बेहतरी का मसला हो, देश उनकी एक दर्जन के आसपास की महत्वपूर्ण योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए हमेशा नमन करता रहेगा। काम के प्रति बेहद ईमानदार रहे पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के सहयोगी या उनके संपर्क में रहे अनगिनत लोगों की अनगिनत यादें हैं। पीएम रहते हुए उनकी बाईपास सर्जरी करने वाले डॉक्टर की भी अद्भुत यादें जुड़ी हैं। यह पेश के प्रति भरोसा और देश के प्रति उनकी ईमानदारी का दर्शाता है।

बात उन दिनों की है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह की दिल की सर्जरी हुई थी। साल 2009 था। सीनियर हार्ट सर्जन डॉ.रमाकांत पांडा भी उस टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। डॉ.पांडा ने बताया कि उस समय प्रधानमंत्री रहे डॉ. सिंह की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में 10 से 11 घंटे लंबी महत्वपूर्ण कोरोनरी बाईपास सर्जरी हुई थी।

सबसे पहले उन्होंने मुझसे पूछा…

डॉ.पांडा ने बताया कि जब हमने उनकी दिल की सर्जरी पूरी की, रात को जब हमने सांस लेने वाली पहली नली निकाली जिससे व्यक्ति बोल सकता था तो सबसे पहले उन्होंने मुझसे पूछा: मेरा देश कैसा है? कश्मीर कैसा है? मैंने कहा: आपने मुझसे अपनी सर्जरी के बारे में कुछ नहीं पूछा। इस पर तत्कालीन पीएम डॉ. सिंह ने कहा कि उन्हें पता था कि मैं अच्छा काम करूंगा। मैं सर्जरी के बारे में चिंतित नहीं हूं। मैं अपने देश के बारे में अधिक चिंतित हूं। पूर्व प्रधानमंत्री की यादों को साझा करते हुए डॉ. पांडा से कहा कि एक डॉक्टर के रूप में, वह मेरे लिए सबसे आदर्श मरीज हैं। इस तरह की सर्जरी के बाद मरीज अक्सर सीने में दर्द की शिकायत करते हैं। लेकिन उन्होंने कभी किसी से कुछ नहीं पूछा या शिकायत नहीं की। यह एक मजबूत इंसान की निशानी थी। हर बार जब वे सर्जरी के बाद जांच के लिए आते थे तो हम उन्हें लेने के लिए अस्पताल के गेट पर जाते थे। लेकिन वे हमेशा हमें ऐसा न करने के लिए कहते थे। डॉ.पांडा ने कहा कि पर्सनली मैं जानता हूं कि वे बहुत ही दृढ़ निष्ठा वाले व्यक्ति थे। अगर वे कुछ कहते थे तो वे उसे करते थे। आप उनका मन नहीं बदल सकते।

92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह ने गुरुवार की रात 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली है। पिछले कुछ महीनों से वह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से परेशान थे। भारत के आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट कहे जाने वाले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। डॉ. सिंह के सम्मान में पूरे देश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

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