सार
Parliament Winter session 2024: संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने लोकसभा में भारत-चीन संबंधों की वर्तमान स्थितियों के बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ सुधार हुए हैं। भारत-चीन बॉर्डर पर अब हालात सामान्य है। साल 2020 में संबंधों में तनातनी आने के बाद अब स्थितियां तेजी से सामान्य की ओर बढ़ रही हैं।
एस.जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ भारत के संबंधों में कुछ सुधार हुए हैं। विशेष रूप से LAC पर सीमा मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से हाल ही में सैन्य और कूटनीतिक जुड़ाव के बाद हालात तेजी से सुधर रहे। उन्होंने सीमा समझौते के लिए निष्पक्ष, पारस्परिक रूप से स्वीकार्य रूपरेखा स्थापित करने के लिए चीन के साथ जुड़ने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
सीमा पर शांति और सौहार्द 2020 में गड़बड़ हुआ, अब स्थितियां हो रहीं सामान्य
विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द में गड़बड़ी के कारण 2020 से संबंध असामान्य रहे हैं। संबंधों में तनातनी चीन की वजह से चीन की कार्रवाईयां रही है। सीमा पर शांति बनाए रखे बिना भारत-चीन संबंधों में सामान्य स्थिति हासिल नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिए शांति और सौहार्द बनाए रखना आवश्यक है।
जयशंकर ने बताया कि हाल ही में हुए एक समझौते ने एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटने की सहमति बनी है। इससे बॉर्डर एरिया में गतिविधियों के मैनेजमेंट और डी-एस्केलेशन पर चर्चा की सुविधा मिलेगी। अब भारत और चीन एलएसी के साथ विशिष्ट क्षेत्रों में समन्वित गश्त करने पर सहमत हुए हैं जिससे चल रहे डी-एस्केलेशन प्रयासों को बल मिलेगा।
निष्पक्ष समाधान की ओर बढ़ रहे दोनों देश
जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ सीमा मुद्दे के लिए एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक प्रयास के तहत सैन्य कमांडरों के बीच लगभग दो दर्जन दौर की वार्ता हुई। सबसे हालिया 29 अगस्त को हुई जिसके परिणामस्वरूप अक्टूबर में समझौता हुआ। इस समझौता के बाद भारतीय और चीनी सैनिक अप्रैल 2020 के आमना-सामना से पहले की स्थिति में लौट आए और पेट्रोलिंग फिर से शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि समझौते की घोषणा पीएम मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस की यात्रा से कुछ घंटे पहले की गई थी। सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि यह समझौता एलएसी पर शांति और सौहार्द की बहाली के लिए एक रोडमैप है।
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