सार

तेलंगाना के कई शहरों में बुधवार सुबह साढ़े 7 बजे के करीब भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई। भूकंप का असर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में भी महसूस किया गया।

 

बुधवार सुबह तेलंगाना के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई है। झटके इतने तेज थे कि इसका असर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में भी महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, बुधवार सुबह 7:27 बजे तेलंगाना के कई इलाकों में लोग उस वक्त घरों से बाहर आ गए, जब उन्हें धरती कांपती हुई महसूस हुई। भूकंप का केंद्र हैदराबाद से करीब 250 किलोमीटर दूर स्थित मुलुगु में जमीन के अंदर 40 किलोमीटर गहराई में था।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें

भूकंप के तेज झटके तेलंगाना से सटे महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी महसूस किए गए। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। वहीं, एक्सपर्ट्स ने भूकंप के दौरान लोगों को सावधान रहने के साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने और इमारतों से दूर रहने को कहा है।

कुछ देर तक हिलती रही जमीन

तेलंगाना में आए भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोगों का कहना है कि कुछ देर तक तो जमीन हिलती रही। वहीं, ज्यादातर लोग घबराकर अपने घरों से बाहर की तरफ भागे।

क्यों आता है भूकंप?

धरती कई तरह की परतों से मिलकर बनी है, जिन्हें प्लेट कहते हैं। ये प्लेट बिल्कुल किसी बड़े फुटबॉल की तरह एक-दूसरे के ऊपर फिट हैं और लगातार घर्षण करती रहती हैं। आमतौर पर इस घर्षण की तीव्रता बेहद कम होती है, जो कि अक्सर महसूस नहीं होती। लेकिन जब किसी प्राकृतिक असंतुलन के चलते इसकी तीव्रता सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो भूकंप के झटके धरती पर रहनेवाले लोगों को महसूस होते हैं। भूकंप के झटकों को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। अगर इनकी तीव्रता 5 से ज्यादा होती है तो ये एक तरह से खतरे का संकेत है।

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