सार
कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। राकेश टिकैत ने कहा, हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो।
नई दिल्ली. कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। राकेश टिकैत ने कहा, हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई। इस बीच किसानों ने ऐलान किया है कि 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे। 12 बजे से 3 बजे तक पूरे देश में चक्का जाम रहेगा। इससे पहले किसानों ने 30 जनवरी को उपवास रखा था। किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालकर भी विरोध प्रदर्शन किया था।
संजय राउत से राकेश टिकैत से मुलाकात की
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत और संजय राउत गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मिले। संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र सरकार किसानों के आंदोलन का समर्थन करती है। उद्धव ठाकरे की ओर से पहले ही किसानों के साथ का ऐलान कर दिया गया है। उन्होंने कहा, हमारे शिवसेना के सभी सांसद यहां आए हैं। राकेश टिकैत से बात हो गई है और उन्हें जो संदेश देना था हमने दे दिया है। हम पूरी ताकत से उनके साथ रहेंगे। सरकार को ठीक से बात करनी चाहिए, बात में राजनीति नहीं आनी चाहिए।
राकेश टिकैत ने संजय राउत से मुलाकात के बाद कहा, अगर विपक्ष हमारा समर्थन करने के लिए आ रहा है तो कोई समस्या नहीं है लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। अगर नेता आते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते। आंदोलन की वजह से ट्रैफिक नहीं रोका गया है, यह पुलिस बैरिकेडिंग की वजह से हैं।
राहुल-प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
दिल्ली में किसान विरोध प्रदर्शन के बीच अलग-अलग जगहों पर बाड़ेबंदी की जा रही है, जिसपर राहुल और प्रियंका ने सवाल उठाए हैं। राहुल ने ट्वीट कर कहा, भारत सरकार पुल बनाइए दीवारें नहीं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक वीडियो ट्वीट कर लिखा, प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध?
122 लोगों पर FIR दर्ज है
सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा कि सरकार उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाकर उत्पीड़न कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी आरोप लगाया कि किसान एकता मोर्चा के ट्विटर खातों को कई घंटों के लिए रोक दिया गया था।
किसानों ने कहा कि कम से कम 122 एफआईआर मनमाने ढंग से दर्ज की गई हैं। किसानों ने कहा कि सरकार ने विरोध स्थलों पर इंटरनेट बंद करने के साथ-साथ सभी जगहों पर बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करके सभी संचार को काट दिया है। उन्होंने इन सेवाओं को तत्काल बहाल करने की मांग की।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, किसान उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर भी बिजली काट दी गई है। पानी के टैंकरों की अनुमति नहीं दी जा रही है। भले ही पानी बाहर से लाया जा रहा हो, लेकिन आपूर्ति में कटौती करने के लिए अधिक बैरिकेड लगाए गए हैं। हमारे पास वकीलों की एक टीम है, जो गिरफ्तार किए गए लोगों के मामलों को मुफ्त में लड़ेंगे।
11 दौर की बातचीत बेनतीजा
सरकार और किसानों के बीच 11 बार बातचीत हो चुकी है। लेकिन कोई हल नहीं निकला है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के डेढ़ साल तक स्थगित करने की प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों ने मानने से इनकार कर दिया। किसानों की मांग है कि तीनों कानून वापस लिए जाए और एमएसपी पर कानून बने।