सार
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद गुजरात एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) के खिलाफ कार्रवाई की है। गुजरात से एटीएस की दो टीम मुंबई आई थी। सीतलवाड़ को हिरासत में लेकर अहमदाबाद ले जाया गया।
मुंबई। गुजरात एटीएस की टीम ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को हिरासत में लिया है। एटीएस की दो टीम मुंबई स्थित तीस्ता सीतलवाड़ के घर पहुंची थी। इसके बाद सीतलवाड़ को सांताक्रूज थाना ले जाया गया। एटीएस की टीम तीस्ता को पूछताछ के लिए अहमदाबाद ले गई।
इसके साथ ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार किया है। गुजरात पुलिस ने गुजरात दंगों के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट, पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार और तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि गुजरात पुलिस ने सीतलवाड़ को उनके घर से हिरासत में लिया। हमने उनके द्वारा मांगी गई सहायता प्रदान की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था होनी चाहिए जांच
यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद हुई है। 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat riots) के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सहित 64 लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि जाफरी की याचिका में कोई दम नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी किया था कि इस केस में तीस्ता सीतलवाड़ की भूमिका की जांच होनी चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, कोर्ट ने जाकिया जाफरी की जिस याचिका को खारिज किया उसमें सीतलवाड़ याचिकाकर्ता नंबर 2 हैं।
अमित शाह ने कहा- सीतलवाड़ ने की नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने की कोशिश
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में तीस्ता सीतलवाड़ का नाम लिया। उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने की पूरी कोशिश की। उनके एनजीओ की ओर से गुजरात में कई थानों में आवेदन दिए गए। जाकिया जाफरी सीतलवाड़ के निर्देश पर काम कर रहीं थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाकिया जाफरी ने किसी और के निर्देश पर काम किया। एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं चला। सभी जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ऐसा कर रहा था। यूपीए की सरकार ने तीस्ता सितलवाड़ की एनजीओ को खूब मदद की।
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