सार

एनडीए ज्वाइन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में बात करने के लिए और संसदीय चुनावों में अभी काफी समय है।

JDS joins NDA: एनडीए के कुनबा में एक और दल जुड़ गया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस ने बीजेपी के साथ राज्य में विपक्ष के रूप में काम करने का ऐलान किया है। कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक में विपक्ष के रूप में भाजपा के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के सुपुत्र हैं। कांग्रेस गठबंधन सरकार में वह राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हालांकि, कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि 2024 को लेकर गठबंधन पर अभी फैसला नहीं किया है।

क्या कहा पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने?

पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि जेडीएस ने कर्नाटक में विपक्ष के रूप में भाजपा के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा ने उन्हें पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। एनडीए ज्वाइन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में बात करने के लिए और संसदीय चुनावों में अभी काफी समय है।

कांग्रेस के खिलाफ अभियान छेड़ेंगी जेडीएस

कुमारस्वामी ने कहा कि मैं विधानसभा के अंदर और बाहर पहले ही कह चुका हूं कि भाजपा और जद(एस) दोनों विपक्षी दल हैं इसलिए राज्य के हित में मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया है। हमारी पार्टी के विधायकों ने चर्चा की कि कैसे आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य के सभी 31 जिलों में कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाने के लिए सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व वाले 10 सदस्यीय टीम की गठन की जाएगी।

11 महीने का लोकसभा चुनाव में समय, निर्णय लेने के लिए पार्टी ने मुझे किया अधिकृत

एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अभी 11 महीने का समय है। संसदीय चुनाव के पहले संगठन की मजबूती पर ध्यान दिया जाएगा। देवेगौड़ा ने कहा है कि उन्होंने पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए मुझे अधिकृत किया है।

विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीती है कांग्रेस

बीते मई में कर्नाटक में राज्य विधानसभा चुनाव हुए। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव जीती है तो बीजेपी की सीटें कम होने के साथ सत्ता हाथ से चली गई। जबकि जेडीएस को भी काफी सीटों का नुकसान हुआ है। 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को 135 सीटें मिलीं जबकि भाजपा को 66 और जद (एस) को 19 सीटें मिलीं हैं।

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