सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून में यूएसए के ऑफिशियल (PM Modi USA Visit) दौरे पर रवाना होंगे। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला जिली बिडेन से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे।
PM Modi USA Visit. पीएम मोदी जून में अमेरिका का दौरा करेंगे। उनके दौरे से पहले भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेट्टी ने कहा है कि वे पीएम मोदी के दौरे को लेकर बेहद रोमांचित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा बेहद महत्वपूर्ण है और इससे यह साबित होगा कि दोनों देश मिलकर क्या कर सकते हैं। भारत और अमेरिका के संबंध बरसों पुराने और गहरे हैं, यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती प्रदान करने वाला होगा।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर राजदून का बयान
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेट्टी ने कहा कि वे पीएम मोदी के ऑफिशियल विजिट को लेकर बहुत रोमांचित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री तीसरी बार अमेरिका का दौरा करेंगे। यह तीसरी बार होगा जब किसी भी राष्ट्र के प्रमुख अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बिडेन के साथ व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। हम यह भी बताना चाहेंगे कि पिछले 14 साल में किसी भी प्रधानमंत्री का व्हाइट हाउस में इस लेवल का दौरा होने वाला है। यह यात्रा यह बताने के लिए होगी कि दोनों देश मिलकर क्या कर सकते हैं।
अगले 5 दशकों के लिए भारत-अमेरिका रिश्ते का बनेगा आधार
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि हमारे दिमाग में यह बात है कि आसमान की कोई सीमा नहीं है। हमने स्टूडेंट्स के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाया है। विजिटर्स के लिए वीजा प्रक्रिया सरल बनाई गई है। हम ट्रेड को भी तेज करने का प्रयास करेंगे। हम सिर्फ अगले साल या अगले 5 साल के बारे में नहीं सोच रहे बल्कि हम अगले 20 से 50 सालों के लिए भारत-अमेरिका रिश्तों के बारे में विचार कर रहे हैं।
22 जून 2023 को अमेरिका पहुंचेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र अगले महीने 22 जून को अमेरिका पहुंचेंगे। जहां अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बिडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन उनके लिए व्हाइट हाउस में डिनर होस्ट करेंगे। गारसेट्टी ने कहा कि अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में सबसे ज्यादा संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। यूएस का सबसे ज्यादा व्यापार भी भारत के साथ होता है। दोनों देशों की सेनाएं एक साथ युद्धाभ्यास करती हैं। दोनों देश मिलकर इंडो-पैसिफिक को सुरक्षित करने का काम कर रहे हैं। गारसेट्टी ने कहा कि जब वे पहली बार यहां आए तो हमारे रिश्ते अलग थे। यह यह संबंध वनवे फ्लो था। हमारा डिफेंस ट्रेड जीरो था और हमारे बीच इंटरनेशनल इकॉनमिक टाइ भी नहीं था। लेकिन आज हमारे संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हैं।
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