सार

कोचर दंपत्ति को सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में अरेस्ट किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने दंपत्ति को अंतरिम जमानत दी है।

Interim bail of Chanda Kochhar: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को अंतरिम जमानत दे दी है। कोचर दंपत्ति को सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में अरेस्ट किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने दंपत्ति को अंतरिम जमानत दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दंपत्ति को अंतरिम जमानत देते हुए यह कहा कि इस केस में दंपत्ति की गिरफ्तारी प्रथमदृष्टया अवैध है। कोर्ट गिरफ्तारी को प्रथम दृष्टया अवैध मानते हुए यह अंतरिम जमानत दे रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और जस्टिस एनआर बोरकर की बेंच ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की अंतरिम बेल पर मुहर लगाई।

कोर्ट में कोचर के वकील अमित देसाई ने क्या दलील दी?

चंदा कोचर और उनके पति दीपक के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में बताया कि उनके मुवक्किल का अरेस्ट इसलिए नहीं किया जा सकता है कि वह असहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब चंदा कोचर को अरेस्ट किया गया तो कोई महिला अफसर वहां नहीं थी। यह कानूनन अनिवार्य है। एक महिला होने के नाते उनको पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय नहीं बुलाया जा सकता था।

जबकि सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने कहा कि कोचर को इसलिए अरेस्ट किया गया क्योंकि वह जांच में असहयोग कर रही थीं। वीडियोकॉन के हेड वेणुगोपाल धूत से उनका आमना-सामना कराया जाना था लेकिन वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहीं थीं।

सीबीआई ने बैंक लोन फ्रॉड में किया था अरेस्ट

वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक लोन फ्रॉड केस में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई ने 23 दिसंबर 2022 को अरेस्ट किया था। इस केस में सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी अरेस्ट किया था। वीडियोकॉन को चंदा कोचर के आईसीआईसीआई का एमडी और सीईओ रहते 3250 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी का आरोप है।

इस लोन के एवज में कोचर की कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन प्रमुख वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर के नूपॉवर रिन्यूएबल्स, वीडियोकॉन की सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आरोपी बनाया था। आरोप है कि धूत ने नूपॉवर रिन्यूएबल्स में सुप्रीम एनर्जी के माध्यम से 64 करोड़ रुपये का निवेश किया। और 2010 से 2012 के बीच सुप्रीम एनर्जी को पिन्नाकल एनर्जी ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया। पिन्नाकल एनर्जी ट्रस्ट को दीपक कोचर मैनेज करते हैं।

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