सार
LAC पर चल रहे चीन से तनाव के बीच भारत के दृष्टिकोण से एक सुखद खबर है। बताया जा रहा है हाल ही में भारत और नेपाल के रिश्तों में आई तल्खियों को कम करने के लिए जल्द ही वार्ता शुरू होगी। भारत और नेपाल के बीच पिछले कुछ समय से जारी तल्खी के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे इस हफ्ते नेपाल की यात्रा पर हैं।
नई दिल्ली. LAC पर चल रहे चीन से तनाव के बीच भारत के दृष्टिकोण से एक सुखद खबर है। बताया जा रहा है हाल ही में भारत और नेपाल के रिश्तों में आई तल्खियों को कम करने के लिए जल्द ही वार्ता शुरू होगी। भारत और नेपाल के बीच पिछले कुछ समय से जारी तल्खी के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे इस हफ्ते नेपाल की यात्रा पर हैं। नरवणे को इस यात्रा के दौरान जनरल रैंक की मानद रैंक से सम्मानित किया जाएगा। सेना प्रमुख 5 नंवबर को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे। जानकारों का मानना है कि बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत हो सकती है।
भारत ने इस साल की शुरुआत में नेपाल के साथ बातचीत रोक दी थी। नेपाल ने इस साल जून में एक नया नक्शा जारी किया था जिसमें कि भारत के कई हिस्सों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। बताया जा रहा था कि नेपाल में अति राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने के इस कदम के पीछे चीन का सहयोग था। पिछले कुछ महीनों में, दोनों पड़ोसियों ने अपनी मुद्रा को नरम कर दिया और संबंधों को फिर से सुधारने का प्रयास किया सितंबर में, पीएम ओली ने देश के संशोधित राजनीतिक मानचित्र के साथ प्रकाशित होने वाली अगली स्कूल पाठ्य पुस्तकों के वितरण को रोकने का फैसला किया था।
रक्षा मंत्रालय खुद संभाल रहे हैं ओली
एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम ओली ने अक्टूबर में, 4 नवंबर से शुरू होने जा रही जनरल नरवणे की तीन दिवसीय यात्रा को मंजूरी दे दी और रक्षा मंत्रालय से उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल को हटा दिया। माना जाता है कि पोखरेल, भारत के एक तेज और निरंतर आलोचक के रूप में देखे जाते थे, माना जा रहा है कि पोखरेल जनरल नरवणे की मेजबानी के लिए अनिच्छुक थे। फिलहाल इस समय पीएम ओली के पास रक्षा मंत्रालय का प्रभार है और वह जनरल नरवणे से इस सप्ताह देश के रक्षा मंत्री के रूप में मुलाकात करेंगे।
शुरू हो सकती है सचिव स्तर की वार्ता
सूत्रों के मुताबिक अगर सेना प्रमुख की नेपाल के प्रधानमंत्री से बातचीत उम्मीद के मुताबिक हुई तो भारत विदेश सचिव स्तर की वार्ता और संयुक्त तकनीकी स्तर सीमा समिति की बैठक फिर से शुरू हो सकती है। जनरल नरवणे की नेपाल यात्रा ऐसे समय हो रही है जब पीएम ओली अभी भी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर एक तीखे सत्ता संघर्ष के बीच में हैं।