सार
डेमचौक और डेपसांग पर चीन अभी भी फ्रंटफुट पर है। हालांकि, भारत लगातार इसके लिए चीन पर दबाव बनाए हुए है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि एलएसी पर 2020 की स्थिति बहाल हो चुकी है, अब भारत चीन से डेमचौक (Demchok) और डेपसांग (Depsang) को लेकर बातचीत करेगा।
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच एलएसी पर चल रहे गतिरोध के कम होने के आसार दिखने लगे हैं। पूर्वी लद्दाख में करीब 28 महीने के तनाव के बीच दोनों सेनाएं पीछे हटने पर राजी हुई। दोनों देशों की सहमति के बाद पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग व गोगरा की पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से दोनों सेनाएं पीछे हट गईं। दोनों ओर के अस्थायी निर्माण व बंकर भी तोड़ दिए गए हैं। भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की है। सेटेलाइट इमेज में भी दोनों प्वाइंट्स से सेनाओं के पीछे हटने का मूवमेंट दिख रहा है।
सेनाओं के हटने के बाद लोकल कमांडर्स ने लिया जायजा
पूर्वी लद्दाख के दोनों प्वाइंट्स से दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद दोनों देशों के लोकल कमांडर्स ने उन जगहों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के बाद यह कहा गया कि अब दोनों देशों की सेनाएं पूर्व की स्थिति बहाल कर चुकी हैं। हालांकि, अभी भी एलएसी पर चीन व भारत ने पचास हजार से अधिक सैनिकों की तैनाती कर रखी है। विशेषज्ञों का दावा है कि दोनों देश 2020 की स्थिति को बहाल कर चुके हैं। PP15 से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से पीछे हटा दिया गया है।
पहले भी पीछे हटी हैं दोनों देशों की सेनाएं
इसके पहले भारत व चीन की सेनाएं एलएसी पर विवाद वाली गलवान, पेगोंग लेक के उत्तरी व दक्षिणी इलाका से पीछे लौटी हैं। हालांकि, कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आज भी आगे बढ़ी हुई हैं। भारत-चीन की सेनाएं आमने-सामने न आएं इसके लिए बफर जोन बनाया गया है।
डेमचौक व डेपसांग को लेकर अभी तनाव बरकरार
डेमचौक और डेपसांग पर चीन अभी भी फ्रंटफुट पर है। हालांकि, भारत लगातार इसके लिए चीन पर दबाव बनाए हुए है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि एलएसी पर 2020 की स्थिति बहाल हो चुकी है, अब भारत चीन से डेमचौक (Demchok) और डेपसांग (Depsang) को लेकर बातचीत करेगा।
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