सार

G20 Summit के बीच भारतीय वायु सेना (IAF) ने सोमवार से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर बड़ा युद्ध अभ्यास शुरू किया है। इसमें लड़ाकू विमान राफेल से लेकर एयर डिफेंस सिस्टम S-400 तक सभी हथियार प्रणालियों द्वारा दम दिखाया जाएगा।

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (IAF) ने सोमवार को अपना बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है। 4-14 सितंबर तक चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा के पास यह अभ्यास चलेगा। इसमें वायु सेना के सभी फ्रंट लाइन हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें लड़ाकू विमान राफेल से लेकर S-400, MRSAM और स्पाइडर जैसे एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। इस बीच लद्दाख में सेना द्वारा भी अभ्यास किया जाएगा।

यह अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है जब भारत जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। 9-10 सितंबर तक होने वाले इस आयोजन में ग्लोबल लीडर्स शामिल होंगे। युद्ध अभ्यास को त्रिशूल नाम दिया गया है। यह 4-14 सितंबर तक चलेगा।

दिल्ली के आसमान की सुरक्षा कर रही वायु सेना

जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली के आसमान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना के पास है। पिछली बार दिल्ली में इस तरह का बड़ा आयोजन 1983 में किया गया था। उस वक्त तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के सातवें शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में लगभग 70 विश्व नेताओं की मेजबानी की थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार त्रिशूल अभ्यास पाकिस्तान और चीन के साथ लगी उत्तरी सीमाओं पर किया जा रहा है। इससे जी-20 सम्मेलन के लिए एक एयर डिफेंस कवर सुनिश्चित करने में मदद मिली है। दूसरी ओर वायु सेना ने दिल्ली के आसपास भी बड़ी संख्या में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया है।

दिल्ली की आसमान की निगरानी के लिए उड़ान भरेंगे राफेल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए मिराज 2000 और राफेल विमान उड़ान भरेंगे। ये विमान कॉम्बैट एयर पेट्रोल करेंगे। इसका मकसद हमला करने आने वाले विमान को रोकना है। इसके अलावा एंटी एयर क्राफ्ट गन्स, 25 किलोमीटर रेंज वाले आकाश और 70 किलोमीटर रेंज वाले MRSAM (Medium Range Surface to Air Missile) को दिल्ली के आसपास तैनात किया जाएगा। लंबी दूरी तक आसमान की निगरानी और सुरक्षा के लिए रूस से खरीदे गए एयर डिफेंस सिस्मट S-400 को तैनात किया जाएगा।

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त्रिशूल अभ्यास के दौरान अवाक्स (Airborne Early Warning and control systems) विमान इस्तेमाल किए जाएंगे। दिल्ली में जी20 सम्मेलन के दौरान भी अवाक्स विमान से आसमान की निगरानी की जाएगी। ड्रोन से निपटने के लिए वायु सेना द्वारा दिल्ली में एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए जाएंगे।

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