सार

'भारत माता की जय' और जय तिब्बत के नारों के साथ स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के कमांडो नाइमा तेनजिंग का आज लेह में अंतिम संस्कार किया गया। तेनजिंग पूर्वी लद्दाख में 30 अगस्त को चीनी घुसपैठ रोकने के दौरान माइन ब्लास्ट में शहीद हो गए थे। तेनजिंग का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। 

लद्दाख. 'भारत माता की जय' और जय तिब्बत के नारों के साथ स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के कमांडो नाइमा तेनजिंग का आज लेह में अंतिम संस्कार किया गया। तेनजिंग पूर्वी लद्दाख में 30 अगस्त को चीनी घुसपैठ रोकने के दौरान माइन ब्लास्ट में शहीद हो गए थे। तेनजिंग का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। 

 तेनजिंग के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इसमें तिब्बती भी शामिल थे। तिब्बत समुदाय ने कहा, वह सिर्फ तिब्बतियों के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी हीरो था। वहीं, एक पोस्टर में लिखा था, तेनजिंग तिब्बत से प्यार के लिया जीए और भारत से प्यार के लिए शहीद हुए।


कमांडो नाइमा तेनजिंग।

लहर रहे थे तिब्बत और भारत के तिरंगे
इससे पहले सोमवार सुबह एक आर्मी ट्रक में तेनजिंग की पार्थिव देह को रखा गया। बड़ी संख्या में यहां लोग इकट्ठा हुए। सभी भारत माता की जय और जय तिब्बत के नारे लगा रहे थे। इनके हाथ में तिब्बत और भारत के झंडे थे। इतना ही नहीं उन्हें विदाई देने से पहले भारत और तिब्बत का राष्ट्रगान गाया गया। 

29-30 अगस्त को हुई थी हिंसा
इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। इस दौरान स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) ने मोर्चा संभाला था और चीन की कोशिश को नाकाम कर दिया था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान तेनजिंग शहीद हो गए थे। हालांकि, सरकार की ओर से शहादत को लेकर कोई खबर नहीं दी गई। 





स्पेशल फ्रंटियर के लीडर थे तेनजिंग
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स में तेनजिंग कंपनी के लीडर थे। एसएफएफ का गठन चीन युद्ध के बाद 1962 में  हुआ था। तेनजिंग तिब्बतियों की विकास रेजीमेंट में थे।