सार

भारतीय रेलवे की पहली हाइड्रोजन ट्रेन आज दौड़ेगी! यह ट्रेन जींद सोनीपत रूट पर चलेगी, जो प्रदूषण कम करने में मददगार होगी। जानिए इसकी खासियतें!

Hydrogen Train: भारतीय रेलवे (Indian Railways) के लिए 31 मार्च का दिन बेहद खास है। आज भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ेगी। यह ट्रेन जींद सोनीपत रूट पर चलेगी। इस रूट की लंबाई 89 किलोमीटर है।

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनी है। हाइड्रोजन ट्रेन भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बहुत बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इससे ट्रेन चलाने में होने वाला प्रदूषण कम होगा। रेल मंत्रालय ने हाइड्रोजन ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 2,800 करोड़ रुपए अलग रखे हैं।

हाइड्रोजन ट्रेन चलाने से नहीं होता प्रदूषण

हाइड्रोजन ट्रेन चलने के लिए हाइड्रोजन को इंधन के रूप में इस्तेमाल करता है। हाइड्रोजन जलाने से पानी बनता है। इस तरह यह ट्रेन क्लीन एनर्जी पर चलती है। इससे शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को पाने में मदद मिलेगी।

भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा क्षमता वाला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रेन इंजन विकसित किया है। जहां अधिकतर देशों ने 500 से 600 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाली हाइड्रोजन ट्रेनें बनाई हैं। वहीं, भारत ने 1,200 हॉर्सपावर क्षमता वाला इंजन बनाकर बड़ी सफलता हासिल की है।

भारत के हाइड्रोजन ट्रेन की खास बातें

  • हाइड्रोजन ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 km/h है। तेज रफ्तार होने से लोगों को यात्रा करने में कम समय लगेगा।
  • यह ट्रेन अपने साथ 2,638 यात्रियों की ले जा सकती है।
  • हाइड्रोजन ट्रेन का इंजन 1,200 HP ऊर्जा पैदा करता है। यह दुनिया में सबसे अधिक क्षमता वाला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रेन इंजन है।

हाइड्रोजन ट्रेन के फायदे

  • डीजल इंजनों के विपरीत हाइड्रोजन ट्रेन सिर्फ पानी का भाप उत्सर्जित करती हैं। इससे प्रदूषण नहीं होता।
  • हाइड्रोजन ईंधन सेल पारंपरिक ईंधन के मुकाबले अधिक ऊर्जा-कुशल विकल्प प्रदान करते हैं।
  • शुरू में हाइड्रोजन ट्रेन पर लागत भले अधिक हो, लेकिन यह लंबे समय में अधिक लाभ दायक होगा। इससे ईंधन की बचत होगी और पर्यावरण को भी लाभ होगा।
  • हाइड्रोजन रेलगाड़ियां अधिक शांत तरीके से चलती हैं, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिलती है।