सार
इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover) के बाहर आने का वीडियो शेयर किया। इसमें रोवर को लैंडर से चंद्रमा की सतह पर उतरते देखा जा सकता है।
नई दिल्ली। इसरो (Indian Space Research Organisation) ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के रोवर के लैंडर से बाहर आने का वीडियो शेयर किया। 30 सेकंड के इस वीडियो में विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर को बाहर आता देखा जा सकता है। रोवर धीरे से बाहर आता है और रैंप की मदद से चांद के सतह पर पहुंचता है। यह वीडियो 23 अगस्त का है।
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त की शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसके साथ ही भारत चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया था। इससे पहले तक सिर्फ सोवियत रूस, अमेरिका और चीन को यह कामयाबी मिली थी। इसरो की सफलता इस मायने में और खास है कि चंद्रयान ने दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की। इस इलाके में पहुंचने वाला भारत पहला देश है। इसरो ने विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर उतरने का वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया है। इसे लैंडर के कैमरे ने टचडाउन से ठीक पहले रिकॉर्ड किया था।
26 किलोग्राम का है प्रज्ञान रोवर
प्रज्ञान रोवर चांद पर चहलकदमी कर रहा है। यह अपने अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से खोजबीन कर रहा है। प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद से 14 दिनों तक काम करेगा। चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। इस दौरान सूर्य की किरणें लगातार पड़ती है। प्रज्ञान रोवर सोलर के माध्य से सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा ग्रहण कर रहा है।
यह भी पढ़ें- ISRO ने जारी की विक्रम लैंडर की ताजी तस्वीर, चंद्रयान-2 बोला- चंदा मामा कर रहा हूं आपकी जासूसी
प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के रासायनिक बनावट की जांच कर रहा है। यह पता लगा रहा है कि कहां पानी है। चंद्रमा पर कौन-कौन से तत्व हैं। यह चंद्रमा पर आने वाले भूकंप की जांच कर रहा है। इसके साथ ही चंद्रमा के क्रस्ट और मेंटल की संरचना की भी जांच की जा रही है। प्रज्ञान रोवर में छह पहिए लगे हैं ताकि चांद की असमतल जमीन पर चलने में परेशानी नहीं हो।
यह भी पढ़ें- Chandrayaan-3: क्या मिशन के बाद धरती पर लौटेगा चंद्रयान, जानें 14 दिन के बाद लैंडर-रोवर का क्या होगा?