सार

पिछले साल 19 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन पुलवामा के बाद भी रुकने वाले नहीं थे। 

नई दिल्ली. पिछले साल 19 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन पुलवामा के बाद भी रुकने वाले नहीं थे। जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर समेत दूसरे आतंकी भारत में हमला करने की साजिश रच रहे थे। यहां तक की इंतजाम भी पूरा हो गया था। लेकिन बालाकोट एयरस्ट्राइक के चलते आतंकी संगठनों ने हमला रोक दिया। 

दरअसल, भारतीय वायुसेना ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में बम बरसाए थे। इस हमले में जैश के तमाम ठिकाने तबाह हो गए थे। कई आतंकी भी मारे गए थे। उधर, पाकिस्तान पर भी लगातार दबाव बढ़ रहा था। इसी के चलते जैश ने किसी अन्य हमले को अंजाम नहीं दिया। 

मसूद अजहर ने हमला रोकने के दिए थे आदेश
बताया जा रहा है कि मसूद अजहर ने एयरस्ट्राइक के बाद अपना फैसला बदला और दूसरा हमला रोकने का आदेश दिया। अजहर का भतीजा उमर फारूक भारत में दूसरे हमले की फिराक में था। हालांकि, मसूद के आदेश के बाद उसने हमला रोक दिया। सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले के डेढ़ महीने बाद फारूक को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। 

हमले में भूमिका की हुई पुष्टि
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में मसूद अजहर के अलावा उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को आरोपी बनाया है। इस चार्जशीट में  मोहम्मद उमर फारूक, आदिल अहमद डार समेत कुछ पाकिस्तानी आतंकियों के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा 6 अन्य आरोपी भी गिरफ्तार हो चुके हैं। एनआईए का दावा है कि इन सभी की चैट, कॉल डिटेल्स आदि जानकारी के माध्यम से हमले में उनकी भूमिका की पुष्टि की गई है। इन सभी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। 
 
2018 से कश्मीर में था अजहर का भतीजा 
एनआईए ने बताया कि मसूद अजहर का भतीजा उमर फारूक अप्रैल 2018 में ही जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर से भारत आ गया था। पुलवामा में वह जैश का कमांडर बना। उसने ही अपने साथियों के साथ मिलकर हमले की पूरा साजिश रची। बाद में इसे अंजाम दिया। 

 एनआईए ने पुलवामा आतंकी हमले की 13500 पन्नों की चार्जशीट में 13 आरोपी बनाए गए हैं। इनमें जैश-ए-मोहम्मद सरगना मौलाना मसूद अजहर भी शामिल है। आत्मघाती हमले में जो आतंकी मारा गया, उसका नाम आदिल डार था।