सार

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए मुठभेड़ में आतंकी संगठन द रेजिडेंट फ्रंट (The Resistance Front)  के आतंकी शामिल हैं। यह मॉड्यूल पिछले छह महीनों से सक्रिय है।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए मुठभेड़ (Anantnag Encounter) में सेना के दो अधिकारी (कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष) और पुलिस के एक अधिकारी (डीएसपी हुमायूं भट) की मौत हो गई। भारत को ये गहरे जख्म आतंकी संगठन द रेजिडेंट फ्रंट ने दिए हैं।

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल में जम्मू के पुंछ में सेना के पांच जवानों पर हमले के लिए आतंकियों का यही मॉड्यूल जिम्मेदार था। यह नया आतंकी मॉड्यूल है। इसमें लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शामिल हैं। यह मॉड्यूल पिछले छह महीनों से सक्रिय है।

द रेजिडेंट फ्रंट सुनने में भले नया नाम हो, लेकिन इसे ऑपरेट करने वाले खूंखार आतंकी पुराने हैं। इसे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजहिद्दीन ने 2019 में बनाया था। आतंक के आकाओं के लिए नया संगठन बनाना नई बात नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ने पर ये सांप की तरह केंचुली बदलते हैं और संगठन का नाम बदल लेते हैं।

द रेजिडेंट फ्रंट को मिला है 200 हत्याओं का टारगेट 

द रेजिडेंट फ्रंट बनाने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की अहम भूमिका है। पाकिस्तान आतंकियों का इस्तेमाल कर भारत को नुकसान पहुंचाने की अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने जम्मू-कश्मीर को लहूलुहान करने के लिए ऑपरेशन रेड वेव चलाया है। इसके तहत द रेजिडेंट फ्रंट को 200 हत्याएं करने का टारगेट दिया गया है।

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द रेजिडेंट फ्रंट को भारत ने किया आतंकी संगठन घोषित

द रेजिडेंट फ्रंट को भारत सरकार ने 6 जनवरी 2023 को आतंकी संगठन घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद द रेजिडेंट फ्रंट सामने आया था। इसके लिए करीब छह महीने तक ऑनलाइन प्रोपेगेंडा फैलाया गया था। इसमें लश्कर के अलावा तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद सहित कई आतंकी संगठनों के आतंकियों को भर्ती किया गया है।

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