सार

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। वे अपनी सरकार के 2 साल पूरे कर चुके हैं। दोपहर बाद वे राज्यपाल से मिलेंगे।

नई दिल्ली. सारी अटकलों को विराम देते हुए कर्नाटक के उम्रदराज मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया है. सुबह उन्होंने इस्तीफा का ऐलान कर दिया था। हालांकि, ऐलान के दौरान वे भावुक नजर आए। वे अपनी सरकार के 2 साल पूरे कर चुके हैं। दोपहर बाद वे राज्यपाल से मिलें।

सोमवार को अपने इस्तीफा के ऐलान के दौरान येदियुरप्पा ने भावुक होकर कहा कि वे अपनी सरकार के 2 साल पूरे कर चुके हैं। इसके जश्न में वे हिस्सा लेंगे। दोपहर का भोजन करेंगे। इसके बाद राजभवन जाकर इस्तीफा सौंपेंगे। येदियुरप्पा के इस्तीफे का फैसला ऐसे समय में आया है जब तटीय और उत्तरी कर्नाटक बाढ़ की चपेट में है। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह के बीच बैठक हुई।

ये हैं मुख्यमंत्री पद के दावेदार
माना जा रहा है कि लिंगायत समुदाय से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, क्योंकि येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से आते हैं। लेकिन इसे लेकर अभी संशय है। इन नामों की चर्चा- बसवराज बोम्मई, विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी, एमआर निरानी के अलावा केंद्रीय कोयला खनन मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी का नाम भी चर्चा में है।

एक भी बार पूरा कार्यकाल नहीं कर पाए येदियुरप्पा
येदियुरप्पा पहली बार 12 नवंबर 2007 को मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि सात दिन बाद यानी 19 नवंबर 2007 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 30 मई 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन 4 अगस्त 2011 को इस्तीफा देना पड़ा। तीसरी बार 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री बने, लेकिन 6 दिन बाद ही 23 मई 2018 को इस्तीफा देना पड़ गया। चौथी बार 26 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री बने थे।

लोगों के जीवन में आकर्षक परिवर्तन मैंने अपने 50 साल समर्पित किए
अपने इस्तीफे के ऐलान के बाद येदियुरप्पा ने एक के बाद tweet किए। उन्होंने कहा-अंत्योदय के जरिये सर्वोदय हमारी पार्टी गाइडलाइन रही है। पिछले 50 वर्षों में गरीब, उत्पीड़ित, पिछड़े समुदायों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों का उत्थान मेरी प्राथमिकता रही है। मैंने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया।

पंडित दीन दयाल उपाध्यायजी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटलजी, आडवाणीजी, मुरली मनोहर जोशीजी से लेकर हमारे सभी बड़े नेताओं ने मुझे राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया। मुझे मोदीजी, अमित शाहजी और नड्डाजी का भी अपार प्यार और समर्थन मिला है।

जगज्योति बसवन्ना के कायाक के दर्शन, दसोहा तत्व और सिद्धगंगा मठ के लिंगैक्य श्री शिवकुमार स्वामीजी के जीवन से गहराई से प्रभावित होकर मैंने अपने पूरे 50 साल के सार्वजनिक जीवन को राष्ट्र निर्माण और कर्नाटक के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समर्पित किया है।

यह कहकर येदुरप्पा ने चाैंकाया
येदियुरप्पा ने भावुक होकर यह बात कहकर सबको चौंका दिया कि लोगों ने सत्तारूढ़ भाजपा में अपना विश्वास खो दिया है। पार्टी के ऊपर अब इसे चुकाने का कर्ज है। येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी के विधायकों से कड़ी मेहनत करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें कड़ी मेहनत और ईमानदारी से काम करना चाहिए।

78 वर्षीय नेता ने आगे कहा-"वाजपेयी चाहते थे कि मैं केंद्र में मंत्री बनूं। लेकिन मैंने उनसे कहा कि मुझे कर्नाटक में रहना चाहिए। मैं दिल्ली नहीं जाना चाहता था। मैं पार्टी को मजबूत करना चाहता था। आज भाजपा राज्य में सत्ता में है। शिकारीपुरा के लोगों ने मुझे सात बार विधायक बनाया है। लोगों ने मेरा हाथ नहीं छोड़ा।"

लगातार इस्तीफे की अटकलें थीं
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की लंबे समय से चर्चाएं चल रही थीं। 25 जुलाई को येदियुरप्पा ने बतौर मुख्यमंत्री 2 साल पूरे किए हैं। कुछ दिन पहले जब वे दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे थे, तब पहले उन्होंने इस्तीफे की खबरों को गलत बताया था। हालांकि बाद में कहा था कि 25 जुलाई को हाईकमान जो निर्देश देगा; वे उसका पालन करेंगे। बता दें कि येदियुरप्पा 75 साल के हो चुके हैं। अधिक उम्र के कारण ही उन पर पद छोड़ने का दबाव था। लेकिन वे यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि अगले 2 साल तक पार्टी में सक्रिय रहकर सेवा करते रहेंगे।