सार
भाजपा ने इस महीने की शुरुआत में सौमित्र खान को बिष्णुपुर से मैदान में उतारा था। इसके बाद तृणमूल ने उसी सीट से उनकी पूर्व पत्नी सुजाता मंडल के नाम की घोषणा की।
लोकसभा चुनाव 2024। बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कल 10 मार्च को अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है। इस दौरान उन्होंने 42 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में एक बेहद की खास चीज देखने को मिली है। बंगाल के जिस बंदाल बांकुरा जिले की बिष्णुपुर सीट TMC ने सुजाता मंडल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है उसी सीट से बीजेपी ने सौमित्र खान को चुनावी मैदान में उतारने वाली है।
ये दोनों प्रतिद्वंद्वी एक तलाकशुदा जोड़ा है, जो आमने-सामने खड़ा होना वाला है। इसका मतलब ये है कि सुजाता मंडल अपने पूर्व पति सौमित्र खान के खिलाफ बिष्णुपुर सीट से चुनाव लड़ने वाली है।
भाजपा ने इस महीने की शुरुआत में सौमित्र खान को बिष्णुपुर से मैदान में उतारा था। इसके बाद तृणमूल ने उसी सीट से उनकी पूर्व पत्नी सुजाता मंडल के नाम की घोषणा की। इसके बाद ये देखना दिलचस्प होगा की आखिरकार कौन सा उम्मीदवार चुनावी दंगल में बाजी मरेगा। बता दें कि जब सौमित्र खान की पूर्व पत्नी सुजाता मंडल ने TMC के सदस्य के रूप में राजनीति में शामिल हुईं तो सौमित्र खान ने कैमरे पर ही तलाक की घोषणा कर दी थी।
हालांकि, सौमित्र खान बिष्णुपुर के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता है। वो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल से भाजपा में शामिल हो गए थे। उस समय उनकी पत्नी ने उनके लिए प्रचार किया था।
TMC के सीट घोषणा के बाद कांग्रेस को लगी मिर्ची
तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, जिससे राज्य में अकेले खेलने की उसकी मंशा जाहिर हो गई। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस फैसले ने कांग्रेस को बेहद परेशान कर दिया है । हालांकि, इसके बावजूद कांग्रेस मेल-मिलाप की उम्मीद कर रही है कि चुनावी नतीजे सामने आने के बाद क्या विपक्षी गुट INDIA के साथ संबंधों पर पुनर्विचार करेंगी।
TMC द्वारा सीटों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बार-बार पश्चिम बंगाल में TMC के साथ एक सम्मानजनक सीट-बंटवारे समझौते की इच्छा व्यक्त की है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि इस तरह के समझौते को बातचीत के माध्यम से अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं करनी चाहिए।