सार

मध्यप्रदेश में हुए बड़े उलटफेर के बाद भाजपा ने अपने विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम में शिफ्ट कर दिया है। बताया जा रहा कि कमलनाथ के दावे के बाद बीजेपी ने यह कदम उठाया है। वहीं, कयास लगाया जा रहा कि सिंधिया आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। 

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में सोमवार की रात से जारी सियासी घटनाक्रम के बाद मंगलवार शाम को भाजपा अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए हरियाणा भेज दिया है। इन सब के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में औपचारिक तौर पर शामिल हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले चर्चा थी कि सिंधिया मंगलवार को भाजपा में शामिल होने वाले थे, लेकिन यह कार्यक्रम टल गया। 

प्रभात झा ने दी सफाई 

प्रभात झा ने नाराजगी की खबरों पर सफाई दी है, निरर्थक और निराधार ख़बरों से मेरा कोई संबंध नहीं है। इस शरारतपूर्ण खबर कि मैं भर्त्सना करता हूं। मेरी प्रामाणिकता, नैतिकता और पार्टी निष्ठा को कोई चुनौती नहीं दे सकता। गौरतलब है कि सिंधिया की एंट्री से ठीक पहले खबर सामने आई थी कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा नाराज हैं। जिसके बाद झा ने अपनी सफाई पेश करते हुए नाराजगी की खबरों को झूठा करार दिया है। 

विधायकों को गुरुग्राम में किया गया शिफ्ट

भोपाल स्थित पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक के बाद सभी विधायकों को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के नेतृत्व कार्यालय से सीधे एयरपोर्ट भेजा और स्पेशल विमान से उन्हें दिल्ली ले जाया गया। बताया जा रहा कि यह फैसला दिल्ली में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की मुलाकात के बाद लिया गया। यह मुलाकात चुनाव समिति की बैठक के बाद हुई थी। चुनाव समिति की बैठक शाम करीब 6.15 बजे शुरू हुई और एक घंटे तक चली। इसी दौरान भोपाल में भी पार्टी मुख्यालय पर विधायक दल की बैठक हुई।

हरियाणा भेजे गए विधायक

बीजेपी विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम में आईटीसी ग्रैंड भारत में ठहरा गया है। बीजेपी दो बसों में अपने विधायकों को लेकर मंगलवार रात करीब 9.30 बजे रवाना हुई। जिसके बाद विधायकों को होटल में कड़े पहरे के बीच रखा गया है। हालांकि मीडिया ने विधायकों से बात की तो कुछ विधायकों ने होली मनाने की बात कही तो कुछ विधायकों ने राज्यसभा चुनाव का हवाला दिया। 

कमलनाथ के दावे के बाद उठाया कदम 

मध्य प्रदेश में हुए बड़े उलटफेर के बीच सीएम कमलनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। वहीं, सियासी गलियारे में कमलनाथ को मैनेजमेंट का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। ऐसे में भाजपा को डर है कि कमलनाथ कहीं उनके विधायकों को न तोड़ दें। सूत्रों के अनुसार इस स्थिति को देखते हुए भाजपा ने सतर्कता बरतते हुए अपने विधायकों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। कमलनाथ ने मंगलवार शाम कहा, 'घबराने की जरूरत नहीं है, हम बहुमत साबित करेंगे। हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। जिन्हें इन लोगों ने कैद करके रखा है, वे मेरे संपर्क में हैं।'

पीएम मोदी से मिलने के बाद दिया इस्तीफा 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जिसके बाद शाह और सिंधिया पीएम मोदी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। जहां दोनों के बीच तकरीबन 1 घंटे तक बैठक हुई। जिसके बाद सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को अपना इस्तीफा पत्र भेज दिया। इसके बाद देर शाम भाजपा का दामन थामने की तैयारी थी। लेकिन किसी कारण से यह कार्यक्रम टल गया था। 

22 विधायकों ने दिया इस्तीफा 

कांग्रेस पार्टी में 18 साल तक राजनीति करने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने भी पार्टी लाइन के खिलाफ जाने के कारण सिंधिया को निष्कासित कर दिया। सिंधिया के इस कदम के बाद कमलनाथ की सरकार पर संकट मंडराने लगा और सिंधिया खेमे के 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा राजभवन को भेज दिया। जिसके बाद विधायकों का त्याग पत्र विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजा गया। 

मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति
कुल सीटें: 230- 2 (सीटें खाली)= 228 सीटें बची 
बहुमत के लिए जरूरी: 114 (विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर)
कांग्रेस+: 120
भाजपा: 107

सिंधिया समर्थक 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिसके बाद सदन की स्थिति 

विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने पर कुल सीटेंः 206 
बहुमत के लिए जरूरी सीटेंः 104 
भाजपा के पास विधायकः 107 (इस्तीफा देने वाले विधायकों की सदस्यता जाएगी) 
कांग्रेस+ के पास विधायकः 99 (कांग्रेस-92, बसपा-2, सपा-1, निर्दलीय-4)