सार
महाराष्ट्र में नई सरकार का कैबिनेट (New Cabinet Maharashtra) विस्तार 11 जुलाई के बाद संभव हो सकता है। क्योंकि शिवसेना के बागी विधायकों (Rebel Shivsena MLAs) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Suprem Court) में लंबित याचिकाओं पर फैसला आना है।
मुंबई. शिवसेना के 16 बागियों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जानी है। माना जा रहा है कि इसके बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को ही सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े की याचिका पर सुनवाई के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो पाएगा।
सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोकर्ट में याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ही कैबिनेट विस्तार की संभावना दिखाई दे रही है। बीते 30 जून को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को शपथ दिलाई थी। देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही किया जाएगा और वह मंत्री विभागों के बंटवारे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे।
जून में चले राजनैतिक घटनाक्रम में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के खिलाफ विद्रोह शुरू किया था और पार्टी के अधिकांश विधायकों ने उनका साथ दिया। जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। सोमवार को विश्वास मत जीतने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें और फडणवीस को कैबिनेट विभागों के आवंटन पर चर्चा करने से पहले उन्हें कुछ समय की आवश्यकता होगी। एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वे भाजपा हाईकमान से भी इस मामले में सहमति लेंगे। तब शिंदे ने कहा था कि चलो ठीक से सांस लें। यह हमारे लिए काफी व्यस्त था (राज्य में हाल ही में राजनीतिक गतिविधियों का जिक्र करते हुए)। मैं और देवेंद्र फडणवीस बैठेंगे और कैबिनेट विभागों और उनके आवंटन पर चर्चा करेंगे।
शिवसेना की याचिका पर सुनवाई
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के सुनील प्रभु की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी। याचिका में सीएम एकनाथ शिंदे और 15 बागी विधायकों की विधानसभा से निलंबन की मांग की गई है। उनके खिलाफ अयोग्यता संबंधी याचिकाएं भी लंबित हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ से आग्रह किया था कि मुख्यमंत्री सहित 16 सांसदों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित होने के कारण याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है।
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