सार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर घमासान जारी है। भाजपा-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। राज्य में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात की।

मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर घमासान जारी है। भाजपा-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। राज्य में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात की। चुनाव नतीजों के बाद राउत और शरद पवार के बीच यह दूसरी मुलाकात है। 

राउत से मुलाकात के बाद पवार ने कहा कि भाजपा-शिवसेना को जनादेश मिला है। दोनों को सरकार बनानी चाहिए। हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, हम विपक्ष में बैठने को तैयार हैं। उधर, राउत ने कहा कि वे देश और राज्य के वरिष्ठ नेता हैं। वे राज्य की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हमारी इसी बारे में चर्चा हुई।

एक दूसरे के पाले में गेंद फेंक रहीं भाजपा-शिवसेना
शिवसेना और भाजपा सरकार बनाने के दावे को लेकर गेंद एक दूसरे के पाले में फेंक रहे हैं। भाजपा का कहना है कि उन्हें शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला। वहीं, शिवसेना का कहना है कि 50-50 फॉर्मूले को लेकर पहले ही भाजपा को बता दिया गया है। 

आदित्य ठाकरे ही सीएम पद की शपथ लेंगे- शिवसेना
उधर, शिवसेना नेता और ठाकरे परिवार के करीबी का कहना है कि आदित्य ठाकरे ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शिवाजी पार्क में शपथ लेंगे। शिवसेना नेता राहुल एन कनल ने यह दावा किया। इसके साथ ही उन्होंने एक फोटो भी शेयर की इसमें आदित्य ठाकरे बाल ठाकरे के साथ दिख रहे हैं।

उन्होंने लिखा,  ''इन शब्दों को सुनने के लिए और फिर से उसी जगह पर यह देखने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं, जहां हमारे मार्गदर्शक स्वर्ग सिधार गए थे और उनका आशीर्वाद हम सभी के साथ है ... हमारे प्यारे महाराष्ट्र की सेवा करने की जिम्मेदारी के साथ।''

आरएसएस प्रमुख से मिले फडणवीस
राजनीतिक अस्थिरता के बीच राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुलाकात की। हालांकि, यह मुलाकात देर रात बंद कमरे में हुई। 

मुख्यमंत्री पद को लेकर फंसा पेंच 
विधानसभा चुनाव में 288 वाले महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। शिवसेना 50-50 फॉर्मूले के आधार पर भाजपा को समर्थन देना चाहती है। शिवसेना का कहना है कि पहले ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए।