सार
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सरकार चलाने के लिए कार्यक्रम तैयार किया है। जिसमें तीनों दलों ने किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता से रखा है। इसके साथ ही बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने की नीति तैयार की जा रही है। साथ ही प्रदेश में गांव और शहरों को 24 घंटे बिजली आपूर्ती का भी मसौदा तैयार किया जा रहा है।
मुंबई. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सरकार बनाने की कवायद तेज है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने में जुटी हुई हैं। इसके लिए बाकायदा कमेटियों का भी ऐलान कर दिया गया है। जिसमें किसानों के कर्ज माफी का मुद्दा प्रमुख रूप से उभरा है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस इस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर अभी काम कर रहे हैं। जिसमें तीनों दलों ने किसान को केंद्र में रखा है। जिसमें किसानों के कर्ज, आर्थिक हालत और जरूरतों को केंद्र में रखा जा रहा है।
यह है नई सरकार बनाने के लिए कार्यक्रम
किसानो का कर्जा माफः सूत्रों के मुताबिक शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा तय किए जा रहे कार्यक्रम में किसानों की कर्जा माफी 7/12 के मुताबिक होगा। यानी किसानों की कर्ज माफी के साथ ही गिरवी रखी गई जमीन के कागज और रजिस्ट्री भी किसानों को वापस लौटाई जाएगी। हालांकि यह पहली बार होगा कि जब भी किसानों की कर्ज माफी हुई है तो गिरवी रखे गए कागज किसानों को नहीं लौटाये गए।
खेतों तक पानी - महाराष्ट्र में दूसरा प्रमुख मुद्दा किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना है। इस मुद्दे पर शिवसेना पहले से ही काम कर रही थी और अब इस को न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल कर एक नीति बनाया जाएगा। जिससे खेतों तक पानी पहुंचा दिया जाए।
बिजली को लेकर कोई भेदभाव नहीं- महाराष्ट्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति भी एक बड़ा मुद्दा है। इस मुद्दे को न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। जिसमें राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा सके। इसके लिए शहरी या देहात दोनों इलाकों के बीच कोई भी भेदभाव नहीं रखा जाएगा। शहर और गांव दोनों जगह 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी।
बेरोजगारों को रोजगार - न्यूनतम साझा कार्यक्रम में बेरोजगारों को रोजगार देने के मुद्दे को शामिल किया जा रहा है। जिसमें तीनों दलों के नेतृत्व में बन रही सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए नीति लाएगी और हर साल निश्चित संख्या में बेरोजगारों को रोजगार देना सुनिश्चित करेगी। जिसमें हर साल नए रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य, कमेटी से बातचीत के बाद तय होगा।
साहूकारों से मिलेगी मुक्ति - मध्यप्रदेश में किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाना सबसे अहम मुद्दा है। इसके लिए बैंक और नाबार्ड के जरिए सस्ता ऋण किसानों को उपलब्ध कराए जाने की नीति पर काम किया जा रहा है। सस्ते ऋण की व्यवस्था के लिए सरकार नई नीति बनाएगी। जिससे किसानों को आसानी से सस्ता कर्ज कॉपरेटिव बैंक को और नाबार्ड से मिल सके।
विकास - महाराष्ट्र के अधोसंरचना के विकास के लिए भी नीति तैयार की जा रही है। इसके साथ ही धीमे पड़े विकास कार्यों में तेजी लाने की भी प्रक्रिया न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल की जा रही है।