सार

'आदियोगी'  के नाम से बनी शिव की अर्धमूर्ति की ऊंचाई 112.4 फीट है, 24.99 मीटर चौड़ी और 147 फीट लंबी है। भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने मूर्ति को अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में शामिल किया है। यह एक योगी के रूप में शिव पर एक लाइट एंड साउंड शो का स्थल भी है। 

कोयम्बटूर। महाशिवरात्रि पर पूरी दुनिया में शिवभक्त भगवान भोलेशंकर की अराधना में लीन हैं। धरती का हर एक शिवमंदिर भक्तों के जयकारे से गुंजायमान होगा। पूरी दुनिया के शिवभक्तों के श्रद्धा का केंद्र कोयम्बटूर स्थित आदियोगी (Adiyogi) भगवान शिव की प्रतिमा का दर्शन् करने आस्थावान खूब उमड़ रहे। दुनिया की सबसे ऊंची यह शिव मंदर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है। 112 फीट ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी ने किया था। ईशा योग फाउंडेशन ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर के बाहरी क्षेत्र में इसकी स्थापना कराई है। 

आदियोगी प्रतिमा अतुल्य भारत अभियान का हिस्सा

'आदियोगी'  के नाम से बनी शिव की अर्धमूर्ति की ऊंचाई 112.4 फीट है, 24.99 मीटर चौड़ी और 147 फीट लंबी है। आदियोगी ईशा योग केंद्र में स्थित हैं। इसकी ऊंचाई, 112 फीट, मोक्ष (मुक्ति) को प्राप्त करने की 112 संभावनाओं का प्रतीक है, जिसका उल्लेख योगिक संस्कृति में किया गया है। मानव प्रणाली में 112 चक्रों का भी यह प्रतिमा प्रतीक है। योगेश्वर लिंग नामक एक लिंग को प्रतिष्ठित किया गया और प्रतिमा के सामने रखा गया। भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने मूर्ति को अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में शामिल किया है। यह एक योगी के रूप में शिव पर एक लाइट एंड साउंड शो का स्थल भी है, जिसका उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया था। 

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शिवरात्रि पर हुआ था उद्घाटन

आदियोगी का उद्घाटन 24 फरवरी 2017 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महा शिवरात्रि के अवसर पर किया था। उन्होंने सद्गुरु द्वारा लिखित एक सहयोगी पुस्तक आदियोगी: द सोर्स ऑफ योगा का भी विमोचन किया। 

आदियोगी दिव्य दर्शनम्

आदियोगी दिव्य दर्शन 3डी लेजर शो है, जिसमें आदियोगी की कहानी और कैसे मानव को योग का विज्ञान दिया गया है, को बताया गया है। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 2019 में महाशिवरात्रि पर किया था। यह 14 मिनट का लाइट एंड साउंड शो है, जिसे आदियोगी प्रतिमा पर प्रक्षेपित किया जाता है। यह सप्ताहांत और अन्य शुभ अवसरों पर होता है। 

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