सार

जाने-माने मराठी साहित्यकार और वक्ता शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे (Shivshahir Babasaheb Purandare) का 15 नवंबर की सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने tweet करके दु:ख जताया है।
 

पुणे. मराठी साहित्य और संस्कृति को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले साहित्यकार और वक्ता शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे (Shivshahir Babasaheb Purandare) का 15 नवंबर की सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने tweet करके दु:ख जताया है। मोदी ने उनके साथ अपना एक पुराना फोटो tweet  करके लिखा- 'मुझे शब्दों से परे दर्द होता है। शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे का निधन इतिहास और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा शून्य छोड़ देता है। उन्हीं की बदौलत आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से और जुड़ेंगी। उनके अन्य कार्यों को भी याद किया जाएगा। शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे मजाकिया, बुद्धिमान और भारतीय इतिहास का समृद्ध ज्ञान रखते थे। वर्षों से मुझे उनके साथ बहुत निकटता से बातचीत करने का सम्मान मिला है। कुछ महीने पहले उन्होंने अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को संबोधित किया था। शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे अपने व्यापक कार्यों के कारण जीवित रहेंगे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। शांति।'

कुछ समय से बीमार थे
बाबा साहेब कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल  (Deenanath Mangeshkar Hospital) में इलाज चल रहा था। बाबा साहेब महाराजा छत्रपति शिवाजी के चरित्र को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी लेखनी के जरिये शिवाजी को महाराष्ट्र के घर-घर तक पहुंचाया था। उनके इस उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मविभूषण और महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित भी किया था। बाबा साहेब ने शिव चरित्र पर देश-विदेश में 12 हजार से अधिक व्याख्यान दिए थे। वे मराठी साहित्यकार के अलावा इतिहासकार और नाटककार के तौर पर लोकप्रिय थे।

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कुछ महीने पहले ही 100वां जन्मदिन मनाया था
बाबा साहेब पुरंदरे कुछ दिन पहले ही 100 साल के हुए थे। अपने जन्मदिन पर हुए कुछ कार्यक्रमों में भी वे पहुंचे थे। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे बाबा साहेब को जन्मदिन पर बधाई देने उनके घर पहुंचे थे। इसके बाद बाबा साहेब तबीयत खराब होने से किसी अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। बाबा साहेब हर साल दिवाली पर शस्त्र पूजन में शामिल होते थे, लेकिन इस बार नहीं हो सके थे। 14 अगस्त को उनके जन्मदिन पर पुणे में एक विशेष कार्यक्रम रखा गया था। इसमें ख्यात गायिका आशा भोसले ने बाबा साहेब का सम्मान किया था। बाबा साहेब की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रशासन उनकी तबीयत पर लगातार नजर बनाए हुए था। चूंकि उनकी उम्र अधिक हो चुकी थी, इसलिए इलाज का उन पर कोई खास असर नहीं हो रहा था।

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