सार

सोशल मीडिया पर मौलाना मसूद अज़हर के मारे जाने की पोस्ट डॉन दाऊद इब्राहिम के जहर देने की खबरों के बीच आया है। हालांकि, दाऊद इब्राहिम के मौत की खबर झूठी निकली।

Masood Azhar death factcheck: भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अज़हर के पाकिस्तान में मारे जाने की न्यूज वायरल हो रही है। ट्वीटर से लगायत सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी आतंकवादी के मारे जाने की सूचनाएं खूब शेयर की जा रही थीं। सोशल मीडिया पर मौलाना मसूद अज़हर के मारे जाने की पोस्ट डॉन दाऊद इब्राहिम के जहर देने की खबरों के बीच आया है। हालांकि, दाऊद इब्राहिम के मौत की खबर झूठी निकली। आईए जानते हैं कि मौलाना मसूद अज़हर की मौत की खबरों में क्या सच्चाई है।

मौलाना मसूद अज़हर, 2001 पर संसद हमले सहित भारत में हुए कई बम धमाकों का वांटेड है। मौलाना मसूद अज़हर, जुलाई 2005 में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर और फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले का भी साजिशकर्ता है। मसूद अज़हर ने जनवरी 2016 में अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की साजिश भी रची थी।

कथित पाकिस्तानी हैंडल से ब्लास्ट में मारे जाने का दावा

एक कथित पाकिस्तानी ट्वीटर हैंडल से यह दावा किया गया था कि आतंकी मौलाना मसूद अज़हर जोकि भारत का वांटेड था, एक बम धमाका में मारा गया। हैंडल्स ने दावा किया कि जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर, सुबह 5 बजे एक मस्जिद से लौटते समय बहावलपुर में एक बम विस्फोट में मारा गया। यह विस्फोट कथित तौर पर निजी दुश्मनी के चलते अज्ञात लोगों ने किया था।

लेकिन किसी भी मेन स्ट्रीम मीडिया में नहीं है न्यूज

मौलाना मसूद अज़हर के मारे जाने की कोई सूचना पाकिस्तानी मेन स्ट्रीम मीडिया में नहीं है। इतनी बड़ी खबर की कोई रिपोर्ट नहीं होने से सोशल मीडिया का दावा काफी संदिग्ध है कि मौलाना की मौत हो चुकी है। सामान्य ज्ञान के अनुसार, ऐसा कोई हादसा हुआ रहता तो जरूर उसे मीडिया कवरेज मिलता। लेकिन माना जा रहा है कि किसी शरारती तत्व या जानबूझकर किसी एजेंडा को स्थापित करने के लिए ऐसा सोशल मीडिया पर फैलाया गया है।

क्या है असलियत?

मौलाना मसूद अज़हर के ब्लास्ट में मारे जाने की झूठी खबर को सच बनाने के लिए सोशल मीडिया पर जिस वीडियो का इस्तेमाल किया गया है, वह किसी दूसरी जगह का है। फैक्टचेक करने पर यह साफ होता है कि बीते 3 नवंबर को OSINT नाम के एक ट्विटर हैंडल ने पोस्ट किया कि डेरा इस्माइल खान में एक हमले में एक पुलिस वैन को निशाना बनाया गया जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए। उसी फोटो को क्रॉप करके सोशल मीडिया पर मौलाना मसूद की मौत की झूठी घटना को वायरल किया जा रहा है।