सार

मानसून पहाड़ों पर कहर बरपा रहा है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन और बादल फटने से 26 लोगों की मौत हुई है। 22 लोग हिमाचल प्रदेश में मारे गए हैं। वहीं, ओडिशा में भारी बारिश से 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 
 

शिमला/देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून के रायपुर-कुमालदा क्षेत्र में बादल फटने से नदियां उफना गईं। नदियों ने अपने किनारों को तोड़ दिया। दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। बादल फटने और भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 26 लोग मारे गए हैं। इनमें से 22 हिमाचल प्रदेश में शनिवार को अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और अभूतपूर्व बारिश में मारे गए। दूसरी ओर ओडिशा में भारी बारिश से 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से स्थिति गंभीर है। यहां भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में एक परिवार के आठ लोगों सहित 22 लोगों की मौत हुई है। मौसम संबंधी अलग-अलग घटनाओं में 10 अन्य घायल हो गए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में चक्की पुल शनिवार को भारी बारिश के कारण गिर गया, जिससे पठानकोट और जोगिंदरनगर के बीच ट्रेन सेवा बाधित हो गई।

एनडीआरएफ और पुलिस द्वारा काशान गांव में चार घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद एक परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले गए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन प्रभावित जिलों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रहा है।

हिमाचल प्रदेश में 25 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी
हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने 25 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश की भविष्यवाणी के कारण भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। अगले 3-4 दिनों में कांगड़ा, चंबा के कुछ हिस्सों, मंडी, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिले में भारी बारिश की संभावना है। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि लगातार बारिश को देखते हुए पूरे कुल्लू जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों सहित सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। येलो अलर्ट 24 अगस्त तक प्रभावी रहेगा।

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उत्तराखंड में बादल फटने से चार की मौत
उत्तराखंड में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य लापता हो गए। नदियों के किनारे टूटने और पुल बहने से कई गांवों के लोगों को अपने घर खाली करने पड़े। लगातार हो रही भारी बारिश से देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गंगा के चेतावनी स्तर को तोड़ने के बाद हरिद्वार के निचले इलाकों को भी अलर्ट पर रखा गया है। राज्य के अधिकारियों ने कहा कि सोंग नदी पर बना एक पुल बह गया और मसूरी के पास स्थित केम्प्टी फॉल्स खतरनाक तरीके से बह रहा था। टोंस नदी में उफान  आने से पानी प्रसिद्ध शिव मंदिर टपकेश्वर की गुफाओं में भी घुस गया।

एसडीआरएफ ने चलाया बचाव अभियान
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिला के मोहनचट्टी इलाके में स्थित अरण्यम रिजॉर्ट में कुछ लोग फंस गए थे। एसडीआरएफ के जवानों ने उन्हें बचाकर निकालने के लिए राहत अभियान चलाया। इस दौरान जवानों ने तेज रफ्तार पानी की धारा को पार कर लोगों को बचाया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा। इस इलाके में सड़कें बाढ़ में टूट गईं हैं। 

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ओडिशा में बाढ़ से चार लाख लोग प्रभावित
ओडिशा में भारी बारिश के चलते महानदी नदी प्रणाली बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ की चपेट में 500 से अधिक गांव आ गए हैं। बाढ़ से चार लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, चार लोगों की मौत की खबर मिली है। सुवर्णरेखा, बुधबलंग, बैतरणी और सालंदी नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक ओडिशा में बारिश जारी रहेगी।