सार
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन (Namma Bengaluru Foundation) ने रविवार को एचपी के साथ मिलकर लालबाग बॉटनिकल गार्डन में क्लीनथॉन का आयोजन किया।
बेंगलुरु। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन (Namma Bengaluru Foundation) ने रविवार को एचपी के साथ मिलकर लालबाग बॉटनिकल गार्डन में क्लीनथॉन का आयोजन किया। इस अभियान की शुरुआत एचपी के 300 से अधिक कर्मचारियों ने अपने परिवेश की सफाई के साथ की।
कर्मचारियों ने पार्क की सफाई की और 100 बैग से अधिक प्लास्टिक कचरा जमा किया। रविवार को पार्क का दौरा करने वाले कई नागरिक भी इस अभियान में शामिल हो गए। उन्होंने पार्क को साफ रखने के प्रयास के लिए टीम को धन्यवाद और बधाई दी। नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन ने स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करने और विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन के उद्देश्य का समर्थन करने के लिए "नम्मा बेंगलुरु स्वच्छ बेंगलुरु" संदेश के साथ एक फ्लाईपास्ट का आयोजन भी किया।
50वें विश्व पर्यावरण दिवस पर विमोव फाउंडेशन (Vimove Foundation) ने नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन और अन्य सामुदायिक भागीदारों के साथ मिलकर 5 गुमनाम नायकों को मान्यता दी। ये नायक हरित और स्वच्छ बेंगलुरु के लिए काम कर रहे हैं। बेंगलुरु के स्पैरो मैन एडविन जोसेफ, प्लॉगमैन सी नागराज, एनिमल रेस्क्यूअर रचना रविकुमार, पर्माक्यूरिस्ट रक्षित पवार और उद्यमी हर्षित रेड्डी को इस मौके पर सम्मानित किया गया।
4 जून 2025 को नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन ने बीएमडब्ल्यू-ड्यूश मोटरन व्हाइटफील्ड के सहयोग से विश्व साइकिल दिवस और विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए एक साइक्लोथॉन और क्लीनथॉन की मेजबानी की। इस अभियान में बीएमडब्ल्यू मालिकों, बीएमडब्ल्यू क्लब के सदस्यों और स्थानीय आरडब्ल्यूए-वार्थुर राइजिंग के सदस्यों ने भाग लिया। 30 से अधिक साइकिल चालकों ने बीएमडब्ल्यू ड्यूश मोटरन शोरूम से वरथुर तक साइकिल चलाई और स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर वरथुर गांव की सड़कों की सफाई की। समूह ने गांव से प्लास्टिक कचरे के 20 से अधिक बैग उठाए।
नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन के महाप्रबंधक विनोद जैकब ने कहा कि हम इस वर्ष पर्यावरण दिवस के 50वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं। इस वर्ष के लिए नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन की थीम “नम्मा बेंगलुरु स्वच्छ बेंगलुरु” थी। बेंगलुरू को पहले उद्यान शहर कहा जाता था। यहां बड़े-बड़े उद्यान थे। हमें अपने शहर का पुराना गौरव लौटाना है। इसके लिए 400 से अधिक स्वयंसेवकों की एकजुटता देखकर बहुत अच्छा लगा।