सार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने पानी और कोयले का उदाहरण देते हुए साउथ की सरकारों को एक्सपोज किया।
लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे ज्यादा किसी चीज पर जोर दे रहे हैं तो वो है 'मोदी की गारंटी'। अपने 10 साल के कामकाज को लेकर वो जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया।
हर एक व्यक्ति को मिलना चाहिए योजनाओं का लाभ
PM मोदी ने कहा- हम सब मां भारती के कल्याण के लिए हैं। हम सबका दायित्व है, चाहे राज्य सरकारें हों या केंद्र सरकार, 140 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी हमारे पास है। व्यवस्था के लिए अलग-अलग लोगों को अलग-अलग काम मिले हैं। लेकिन हम सबका लक्ष्य, भारत सरकार का भी लक्ष्य ये होना चाहिए कि केरल के भी किसी गांव के व्यक्ति को योजना का लाभ मिलना चाहिए। कर्नाटक के भी शख्स को ये लाभ मिलना चाहिए। तो हमारे संविधान का मूलभूत स्पिरिट यही है।
कोई राज्य पानी-कोयला रोक दे तो देश कैसे चलेगा?
PM मोदी ने कहा- हिमालय से नदियां निकल रही हैं और हिमालय के जो राज्य हैं वो कह दें कि इस पानी पर किसी का नहीं सिर्फ मेरा मालिकाना हक है, तो देश चलेगा क्या? कोयले की खदानें हमारे यहां किसी जगह पर हैं और हम कह दें कि मेरे यहां से कोयला बाहर नहीं जाएगा तो बाकी राज्य तो अंधेरे में डूब जाएंगे या नहीं। ये सोच ठीक नहीं है। ये संपत्ति पूरे देश की है, कोई हम उसमें से मालिक नहीं हैं। ये व्यवस्थाएं संविधान में निर्धारित नियमों से चलती हैं। कोई सरकार अपनी मर्जी से नहीं करती है।
राज्यों को ज्यादा पैसा मिले, इसके लिए हमने उपाय किए
PM ने आगे कहा- जब 14th फाइनेंस कमीशन आया तो उसने ऐसा जबर्दस्त निर्णय लिया। पहले 32 प्रतिशत डिवॉल्यूशन था, उन्होंने 42 कर दिया। सब तरफ से दबाव आया कि 42 कर ही नहीं सकते, ये देश चल ही नहीं सकता। आप सरकार चला नहीं पाओगे, फेल हो जाओगे। और सरकार को हक है 10 में से 5 चीजें लेनी, 3 लेनी या फिर 10 की 10 लेनी। लेकिन जब मेरे सामने आया, तो मैंने कहा भई मैं जानता हूं। अफसरों ने कहा- ये तो बहुत मुश्किल होगा, भारत सरकार चलाना ही मुश्किल होगा। इतना डिवैल्यूशन हो जाएगा। मैंने कहा- जी नहीं। ये मेरा प्रारंभ है, मुझे राज्यों पर भरोसा है। राज्य भी अच्छा करेंगे, पैसा जाने दो राज्यों के पास। इस तरह हमने 32 का 42 प्रतिशत वैसे का वैसा फाइनेंस कमीशन की रिपोर्ट को स्वीकार किया।
हमने साउथ के राज्यों को UPA सरकार से ज्यादा पैसा दिया
अब यूपीए के कालखंड में जब मनमोहन सिंह जी थे और रिमोट सरकार चलती थी तो तब कर्नाटक को डिवॉल्यूशन का 10 साल में 80 हजार करोड़ रुपए मिले थे। हमारी सरकार ने करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। केरल को यूपीए के समय 46 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे। हमारी सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए दिए हैं। यूपीए के समय तमिलनाडु को 95 हजार करोड़ रुपए दिए गए, जबकि वो सरकार में पार्टनर थे। ये केरल वाले भी दिल्ली में सरकार में पार्टनर थे, हम नहीं बैठे थे। आज 2.90 लाख करोड़ रुपए तमिलनाडु को मिला है। ये आंकड़े बताते हैं कि ये झूठ फैलाया जा रहा है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए नफरत का वातावरण पैदा किया जा रहा है। दुर्भाग्य ये है कि कांग्रेस पार्टी ऐसे लोगों के साथ बैठी है, जो 5-6 दशकों तक देश चला चुकी है और ऐसी गंदी प्रवृत्तियों में हिस्सेदार बन गई है।
PM Modi with Asianet News: Watch Full Interview