सार
नसीरुद्दीन चिश्ती ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को पत्र लिखकर उनके बांटने की राजनीति पर सवाल किए हैं। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समाज के लोग आपकी रणनीति समझ गए हैं, जिसके चलते चुनाव में आपकी पार्टी को हार मिल रही है।
नई दिल्ली। अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने ओवैसी द्वारा की जा रही बांटने की राजनीति का जिक्र किया है और कहा है कि मुसलमान आपकी रणनीति समझ गए हैं। यही कारण है कि आपकी पार्टी को चुनावों में झटके लग रहे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी को लिखे नसीरुद्दीन चिश्ती के पत्र की मुख्य बातें
- आप खुद को मुस्लिमों की आवाज उठाने वाला बताते हैं। आप पर अक्सर विभाजनकारी राजनीति करने और समर्थन हासिल करने के लिए पीड़ित मुस्लिम समुदाय को टूल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगता है।
- चुनावों में आपकी पार्टी को लगे झटके बताते हैं कि मुसलमान आपकी रणनीति से सावधान हो गए हैं।
- फरवरी में आपने RSS चीफ मोहन भागवत के बयान को गलत अर्थ में पेश किया ताकि धारणा बनाई जा सके कि मुसलमानों को बहुसंख्यक समुदाय की दया पर जीने के लिए कहा जा रहा है।
- मार्च 2023 में आपने कहा था कि मुसलमानों को कुली की तरह इस्तेमाल किया जाता है। उनका सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता नहीं है।
- रामनवमी और रमजान के दौरान कुछ जगहों पर हुई हिंसा के बाद आपने चेतावनी दी कि मुसलमानों को डराया जा रहा है।
- आप अपना राजनीति चमकाने के लिए मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। आपने मुस्लिम समुदाय के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के मुद्दों को शायद ही कभी उठाया।
- मुस्लिम समाज ने अब तक आप पर कोई ध्यान नहीं दिया है। हर भारतीय की तरह मुसलमान भी विकास के लिए वोट देते है। जो पार्टी मुस्लिमों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए काम करती है उसे समाज का समर्थन मिलता है।
- भारत के सबसे पवित्र मुस्लिम तीर्थस्थलों में से एक हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर की दरगाह के वंशज के रूप में मेरा अनुभव है कि हिंदू समुदाय का दिल इतना बड़ा है कि वह दिन के हर मिनट और हर घंटे अपने मुस्लिम भाइयों को गले लगाता है।
- 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में आपकी पार्टी 44 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन केवल दो सीटों पर जीत मिली। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 7 उम्मीदवारों को उतारा। इन सीटों पर बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है, लेकिन आपकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी।
- 2022 में बिहार में AIMIM के 5 में से 4 विधायक राजद में चले गए। 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में AIMIM 100 सीटों पर चुनाव लड़ी, अधिकांश पर जमानत जब्त हो गई।
कंटेंट स्रोत- आवाज द वॉयस