सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) पर 5,800 करोड़ रुपए से अधिक की वैज्ञानिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने दिल्ली के प्रगति मैदान में लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) पर दिल्ली के प्रगति मैदान में लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री प्रदर्शनी में लगाए गए स्टॉल पर गए और वहां मौजूद लोगों से उनके इनोवेशन के बारे में जानकारी ली।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पांच हजार आठ सौ करोड़ रुपए से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। इस साल के नेशनल टेक्नोलॉजी डे के समारोह में अटल इनोवेशन मिशन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
सरकार ने सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1998 में पोखरण में किए गए न्यूक्लियर टेस्ट को भारत के इतिहास के सबसे शानदार दिनों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि देश के लिए तकनीक अपना दबदबा दिखाने के लिए नहीं बल्कि इसके विकास को गति देने के लिए एक उपकरण है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सशक्तिकरण के स्रोत के रूप में किया है। इससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया है। पीएम ने कहा कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर उनकी सरकार के जोर दिया है। 10 साल पहले लगभग 4,000 पेटेंट सालाना पंजीकृत होते थे, लेकिन अब यह 30,000 से अधिक है।
टेक लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहा भारत
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले एक साल में 70,000 ट्रेड मार्क रजिस्टर्ड होते थे अब 2.5 लाख से अधिक रजिस्टर्ड हो रहे हैं। 2014 में इनक्यूबेशन सेंटर की संख्या 150 थी जो अब 650 हो गई है। भारत टेक लीडर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक समावेशी इकोसिस्टम बनाने के लिए काम किया है। इससे भारत ने ग्लोबल इनोवेशन सूचकांक में बड़ी छलांग लगाई है।