सार

NEET Bill cancelled: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने तमिलनाडु सरकार के NEET छूट बिल को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया है। जानें आगे की रणनीति।

 

NEET Bill cancelled: तमिलनाडु सरकार की NEET परीक्षा से छूट की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उस बिल को खारिज कर दिया जिसे राज्य विधानसभा ने दो बार पारित किया था। यह विधेयक राज्य को NEET (National Eligibility cum Entrance Test) की अनिवार्यता से बाहर रखने के लिए था। विधेयक खारिज किए जाने के बाद सीएम एमके स्टालिन ने इसे संघीय ढांचे पर हमला करार देते हुए कहा कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।

NEET को लेकर फिर गरमाया सियासी पारा

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने विधानसभा में कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू का नीट विधेयक को खारिज करने का फैसला देश के संघीय ढांचे का काला अध्याय है। उन्होंने केंद्र सरकार पर जनता की इच्छा और राज्य विधानसभा के फैसले को नकारने का आरोप लगाया। स्टालिन ने कहा कि हमारी सरकार ने सभी जरूरी स्पष्टीकरण भेजे थे लेकिन केंद्र ने NEET छूट की हमारी मांग खारिज कर दी। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्टालिन ने सभी विधायकों की बैठक 9 अप्रैल को सचिवालय में बुलाई है।

क्या है तमिलनाडु सरकार की मांग?

तमिलनाडु सरकार का तर्क है कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए केवल कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर चयन होना चाहिए। राज्य सरकार NEET को सामाजिक न्याय और ग्रामीण छात्रों के हक़ में बाधा मानती रही है।

NEET 2024 से जुड़ा विवाद भी बना पृष्ठभूमि

NEET UG 2024 परीक्षा पहले से ही विवादों में रही है। पेपर लीक (NEET Paper Leak), ग्रेस मार्क्स और अनियमितताओं के आरोपों ने देशभर में हड़कंप मचा दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया लेकिन 23 जुलाई को कोर्ट ने NEET की पुनः परीक्षा की मांग खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि प्रक्रिया में कोई सिस्टमेटिक विफलता नहीं हुई थी।

प्रधानमंत्री को भी लिखी थी चिट्ठी

NEET को लेकर उठते विवाद के बीच, मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर राज्य को इससे छूट देने की अपील की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि प्रोफेशनल कोर्स में दाखिले के लिए केवल 12वीं कक्षा के अंकों को आधार बनाया जाए।