सार

नेटफ्लिक्स पर गैरजरूरी हिंदू विरोधी कंटेंट दिखाने की प्रवृत्ति को नियंत्रित किया जाना चाहिए।

कुछ साल पहले तक शिक्षा हासिल करने और नौकरी के लिए विदेशों में रहने के दौरान मैं मनोरंजन के लिए नेटफ्लिक्स को बढ़िया साधन मानता रहा। इससे कई बार मुझे मदद मिली जब मैं घर के बारे में सोचने लगता था। लेकिन तब इस पर आने वाली सामग्री का चुनाव बहुत अच्छे तरीके से किया जाता था। उन दिनों मैंने कभी यह महसूस नहीं किया कि इस पर जो चीजें दिखाई जाती हैं, उससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। लेकिन आज नेटफ्लिक्स पर धीरे-धीरे ऐसी चीजें काफी दिखाई जाने लगी हैं, जिनसे नई पीढ़ी की मानसिकता में जहर भर रहा है। 

नेटफ्लिक्स का भारत में काफी असर है और युवा पीढ़ी इसे बेहद पसंद करती है। सच्चाई यह है कि भारत दुनिया के उन देशों में एक है, जहां नेटफ्लिक्स पर लोग सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। कहा गयाा है कि ताकत के साथ जिम्मेदारी भी बढ़ती है, लेकिन नेटफ्लिक्स अपनी जिम्मेदारी को नकार रहा है। जबकि इतने बड़े ऑडियंस से जुड़े होने के कारण उसे कंटेंट की स्ट्रीमिंग में सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन इस प्लेटफॉर्म पर जो कंटेंट मौजूद है, उसका बड़ा हिस्सा नवजवानों को बरगलाने वाला और उन्हें अपनी संस्कृति से दूर करने वाला है। इस पर मौजूद ज्यादातर सामग्री हिंदू विरोधी, भारत विरोधी और भारतीय सेना विरोधी है। इसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। 

सबसे पहले हम सनसनीखेज सेक्रेड गेम्स को देखें। इसे लेफ्टिस्ट प्रोपेगैंडा करने वाले अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित किया गया है। सेक्रेड गेम्स के नए सीजन में 'अहम् ब्रह्मास्मि' का इस्तेमाल मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए लोगों की भावनाओं को उग्र बनाने और उनका ब्रेनवॉश करने के लिए किया गया है। अगर हम अपने प्राचीन धर्मग्रंथों को पढ़ें तो उनमें इस शब्द का इस्तेमाल ईश्वर से मनुष्य की एकता को दिखाने के लिए किया गया है। यह इस बात को जाहिर करता है कि हमारी जिसने रचना की है, उससे हम अलग नहीं हैं। लेकिन नेटफ्लिक्स पर इसका इस्तेमाल मानवता को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। 

इस पर हसन मिनाज को देखें जो एक जाने-माने वामपंथी हैं। वह नेटफ्लिक्स पर आर्टिकल 370 को हटाए जाने वाले क्रांतिकारी कदम के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों पर खतरा बढ़ा है। यह एक ऐसा वक्तव्य है जिससे गैरजरूरी डर और तनाव पैदा होता है। एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी ने अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव वाली बात नहीं की है। उनकी सभी नीतियां समाज और नागरिकों के उत्थान के लिए हैं। 

नेटफ्लिक्स पर इस लिस्ट में अभी 'घोउल' (Ghoul) आया है। इसमें यह दिखाया गया है कि भारत में इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने के लिए देश के मुस्लिम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके मूलभूत अधिकार छीने जा रहे हैं। नेटफ्लिक्स पर भारतीय सेना की बहुत ही नकारात्मक छवि पेश की जा रही है। यह दिखाया जा रहा है कि भारतीय सेना लोगों को पकड़ कर उनकी हत्या करती है। 

हिंदू विरोधी और भारत विरोधी सामग्री नेटफ्लिक्स पर लगातार आ रही है। यह हमारे समाज के तथाकथित 'उदारवादियों' का पक्ष लेने वाली है। नेटफ्लिक्स पर दिखाए जाने वाले कंटेंट का समय-समय पर विरोध होता रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि इसे रेग्युलेट किया जाना चाहिए। भारत में नेटफ्लिक्स देखने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है और इनमें खासकर युवा काफी हैं। इनके दिमाग को मोड़ देना आसान होता है। लेकिन हम उन्हें उनकी जड़ों से कटने नहीं दे सकते हैं। इसलिए हमें इसका ध्यान रखना होगा कि वे क्या देख रहे हैं। इसलिए मैं सूचना और प्रसारण मंत्रालय से यह आग्रह करता हूं कि वह ऐसी निंदा और तिरस्कारपूर्ण सामग्री पर एक नजर डाले और इसका ध्यान रखे कि हमारे बच्चे समाज और इसके रीति-रिवाजों को लेकर कोई गलत धारणा नहीं बना लें। 

कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीइओ हैं और 'डीप डाइव विद एके' नाम के डेली शो के होस्ट भी हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का बेहतरीन कलेक्शन है। उन्होंने दुनिया के करीब 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा की है। वे एक टेक आंत्रप्रेन्योर हैं और पॉलिसी, टेक्नोलॉजी. इकोनॉमी और प्राचीन भारतीय दर्शन में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने ज्यूरिख से इंजीनियरिंग में एमएस की डिग्री हासिल की है और लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए हैं।