सार
मेडिकल एजुकेशन (OBC Reservation, Reservation in Medical courses) में ऑल इंडिया कोटे के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC) के छात्रों को 27% और ईडब्ल्यूएस(EWS) वर्ग के लिए 10% आरक्षण देने के खिलाफ सोशल मीडिया पर #OBC_आरक्षण_वापस_लो कैम्पेन ट्रेंड पकड़ गया है।
नई दिल्ली. मेडिकल कोर्सेज में आरक्षण देने का जबर्दस्त विरोध शुरू हो गया है। इस लेकर twitter पर #OBC_आरक्षण_वापस_लो नाम से एक कैम्पेन चलाया जा रहा है। यह ट्रेंड पकड़ गया है। पहले बता दें कि केंद्र सरकार ने मेडिकल एजुकेशन (OBC Reservation, Reservation in Medical courses) में ऑल इंडिया कोटे के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC) के छात्रों को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section यानीEWS) वर्ग के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री ने tweet करके कहा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया था। कहा गया कि पिछले कई सालों से मेडिकल की ऑल इंडिया सीटों(15 प्रतिशत) पर ओबीसी आरक्षण का मामला लटका हुआ था। मद्रास हाईकोर्ट ने इन सीटों पर ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित करने एक कमेटी बनाई थी। लेकिन बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर रुकवा दिया गया था। अब सरकार ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है।
twitter पर चली मुहिम
आरक्षण के खिलाफ सोशल मीडिया पर बहस शुरू छिड़ गई है। इसे लेकर लोग अपने-अपने तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।
आरक्षण को लेकर राजनीति
कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्ज़ा देने की मांग एक लंबे समय से लंबित थी। UPA सरकार के 10 वर्ष बीत गए लेकिन पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज़ा नहीं दिया गया। PM के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्ज़ा दिया गया।