सार
लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन यानी डीपीडीपी बिल पास हो गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में इसका प्रस्ताव रखा और सांसदों ने इसके पक्ष में हाथ उठाए।
DPDP Bill Passed In Parliament. केंद्र सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राज्यसभा में डीपीडीपी बिल पास करने के लिए रखा और सांसदों ने बिल को पास कर दिया। माना जा रहा है कि डिजिटल भारत की योजनाओं को लेकर यह बिल काफी कारगर साबित होने वाला है। यह आम लोगों के डिजिटल डाटा को सिक्योर बनाने के साथ ही पूरी तरह से पारदर्शी बनाता है। यह बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुका था। अब इसे राज्यसभा से भी मंजूरी मिल चुकी है।
डीपीडीपी बिल पर क्या बोले राजीव चंद्रशेखर
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक यानी डीपीडीपी बिल बुधवार को राज्यसभा से पारित हो गया। बिल पर मुहर लगने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि डीपीडीपी बिल हमारे डिजिटल इकोसिस्टम में एक बड़ा मील का पत्थर है। यह वैश्विक मानक साइबर कानून के ढांचे का पहला बिल्डिंग ब्लॉक है, जिसका निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ट्रिलियन डॉलर वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था और इंडिया टेकेड के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्लेटफॉर्मों और डिजिटल नागरिकों के व्यवहार में गहरा बदलाव आएगा। जैसे कि डाटा कैसे लिया जाता है, कैसे मांगा जाता है और कैसे संसाधित किया जाता है।
उद्योग ढ़ांचे में भी आएगा बदलाव
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि शहर में एक नई डाटा संरक्षण की व्यवस्था है। जिसके केंद्र में भारतीय नागरिक हैं। प्रत्येक प्लेटफार्म को एहसास हो जाएगा कि उनके हित में यह है कि वे भारतीय नागरिकों के डिजिटल व्यक्तिगत डाटा का सम्मान करें। साथ ही नई आकांक्षाओं और जरूरतों को तत्परता से अपनाएं। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि उद्योगों के लिए मौजूदा ढांचे से इस नए ढांचे में बदलाव की तत्काल आवश्यकता है। हम उद्योग को बदलाव के लिए कुछ समय देंगे। हम यह सुनिश्चित करने के लिए उद्योग जगत के साथ काम करेंगे कि परिवर्तन बाधाकारी नहीं बल्कि व्यवस्थित हो।
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