सार
दिल्ली : केंद्र सरकार ने विपक्ष की मांग मान ली है। संसद में संविधान पर चर्चा होगी। 13, 14 तारीख को लोकसभा में और 16, 17 तारीख को राज्यसभा में चर्चा होगी। मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि उम्मीद है कि कल से विपक्ष सदन की कार्यवाही में सहयोग करेगा।
अडानी मामले को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदन लगातार पांचवें दिन भी ठप रहे। कांग्रेस के लगातार अडानी मुद्दा उठाने पर तृणमूल कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की बैठक का बहिष्कार किया।
अडानी, मणिपुर, वायनाड, सांबल, तमिलनाडु को फिंचाल चक्रवात में मदद, किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव और राज्यसभा में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस आए, लेकिन सिर्फ अडानी-मोदी विरोधी नारे ही सुनाई दिए। विपक्ष के हंगामे को नजरअंदाज करते हुए लोकसभा में अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू किया, लेकिन कांग्रेस सांसद सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ओम बिरला के बार-बार कहने पर भी विपक्ष नहीं माना। सदन स्थगित कर दिया गया। बारह बजे जब सदन फिर से शुरू हुआ, तब भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। इसके बाद सदन को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
सिर्फ़ अडानी पर हंगामा, इंडिया गठबंधन की बैठक का बहिष्कार किया तृणमूल ने
अडानी मामले पर कांग्रेस द्वारा हर दिन सदन को ठप करने पर इंडिया गठबंधन में नाराजगी शुरू हो गई है। ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस को बंगाल के मुद्दों के साथ-साथ महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने का निर्देश दिया। इंडिया गठबंधन की बैठक का बहिष्कार करने वाली तृणमूल ने संसद में हंगामे में भी हिस्सा नहीं लिया। एनसीपी भी इस मामले में खासी नाराज है। सहयोगी दलों के विरोध के बाद कांग्रेस ने कहा कि अब अडानी नहीं, संविधान पर ही चर्चा हो। इस मांग को लेकर स्पीकर से मुलाकात की गई, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। हंगामे के बीच बिल पास कराने का मौका मिलने के कारण सरकार भी इसे एक अवसर के रूप में देख रही है।