सार
नागालैंड के वनसोई गांव के लोगों ने समाज में महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए एक ऐसा पहल किया है, जिसकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी प्रशंसा की है।
नई दिल्ली। नागालैंड के वनसोई गांव में मोरंग (लॉगड्रम बजाया जाने वाला सार्वजनिक स्थल) में लॉगड्रम बजा रहीं ये महिलाएं बेहद खास हैं। नागालैंड में महिलाओं को लॉगड्रम बजाने की अनुमति नहीं थी। यहां तक कि वे मोरंग में प्रवेश भी नहीं कर सकतीं थी।
वनसोई गांव के लोगों ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे इस भेदभाव को खत्म करने का फैसला किया और उन्हें मोरंग में जाने की इजाजत दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की तारीफ की है।
राज्यसभा सांसद एस फांगनोन कोन्याक ने दी है जानकारी
राज्यसभा सांसद एस फांगनोन कोन्याक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। अपने ट्वीट में कोन्याक ने कहा कि वनसोई गांव के नेताओं को इस पहल के लिए बधाई। उन्होंने इस बात को समझा है कि आज के प्रगतिशील समाज में महिलाओं की समान भागीदारी है। गांव के लोगों ने महिलाओं को मोरंग में प्रवेश की अनुमति दी है। महिलाएं अब लॉगड्रम बजा सकती हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। पहले महिलाओं को मोरंग में कदम नहीं रखने दिया जाता था। मुझे भी खियमनियुंगन महिलाओं के साथ मोरंग में जाकर लॉगड्रम बजाने का मौका मिला।
प्रधानमंत्री ने किया वनसोई गांव के लोगों को प्रणाम
कोन्याक के ट्वीट को री ट्वीट कहते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, "यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इससे महिलाओं की गरिमा और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। वनसोई गांव के लोगों को प्रणाम।"
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मोरंग का है विशेष महत्व
गौरतलब है कि नागालैंड की संस्कृति में मोरंग का विशेष महत्व है। यहां गांव के लोग जुटते हैं और विभिन्न मुद्दों पर बात करते हैं। मोरंग में एक बड़े आकार का लॉगड्रम रखा जाता है। पेड़ के तने को अंदर से खोखला कर इस वाद्ययंत्र को बनाया जाता है। इसे बहुत से लोग एक साथ बजाते हैं। सांसद ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है। इसमें वह गांव की महिलाओं के साथ ताल में ताल मिलाकर लॉगड्रम बजाती दिख रहीं हैं। एक साथ करीब 20 महिलाएं लॉगड्रम बजा रही हैं।
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