सार

ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को चुभने वाली बात कही। उन्होंने भारत की ओर से मदद का ऐसी योजना बताई जो जरूरतमंद देशों को कर्ज तले नहीं दबाएगा।

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन (Global South Summit) की मेजबानी की। नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों में विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत की योजना रखी। इसके साथ ही उन्होंने इशारों-इशारों में चीन को चुभने वाली बात कही। पीएम ने कहा कि भारत का प्रस्ताव विकास के लिए वित्तीय मदद के नाम पर जरूरतमंद देशों को कर्ज तले नहीं दबाएगा।

नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं आपके सामने भारत की ओर से एक व्यापक ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट का प्रस्ताव रखना चाहता हूं। इस कॉम्पैक्ट की नींव भारत की विकास यात्रा और विकास साझेदारी के अनुभवों पर आधारित है। यह ग्लोबल साउथ के देशों द्वारा खुद तय की गई विकास प्राथमिकताओं से प्रेरित होगा। यह मानव केंद्रित होगा।"

 

 

जरूरतमंद देशों को कर्ज तले नहीं दबाएगा भारत का प्रस्ताव

पीएम ने कहा, "भारत का प्रस्ताव विकास फाइनेंस के नाम पर जरूरतमंद देशों को कर्ज तले नहीं दबाएगा। यह साझेदार देशों के संतुलित और सतत विकास में सहयोग देगा। इस डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट की तरह हम ट्रेड फोर डेवलपमेंट, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण, टेक्नोलॉजी शेयरिंग, प्रोजेक्ट स्पेसिफिक कंसेशन फाइनेंस और ग्रांट्स पर फोकस करेंगे। ट्रेड प्रमोशन एक्टिविटिज को बल देने के लिए भारत 2.5 मिलियन डॉलर के विशेष फंड की शुरुआत करेगा। क्षमता निर्माण के लिए ट्रेड पॉलिसी और ट्रेड नेगोशिएशन में ट्रेनिंग कराई जाएगी। इसके लिए 1 मिलियन डॉलर का फंड दिया जाएगा।"

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उन्होंने कहा, "हम ग्लोबल साउथ को सस्ती और प्रभावी जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए काम करेंगे। औषधि रेगुलेटर्स को ट्रेनिंग देंगे। कृषि क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के अपने अनुभव और टेक्नोलॉजी शेयर करने में हमें खुशी होगी। आपने तनावों और संघर्षों से जुड़ी चिंताओं को भी प्रकट किया है। ये हम सभी के लिए गंभीर विषय है।"

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