सार

पुलिस ने नाटक के डायरेक्टर, स्टोरी राइटर सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। उधर, विवि ने भी इस मामले की जांच के लिए आंतरिक कमेटी का गठन कर दिया है।

 

Pondicherry University Ezhini 2k24: पांडिचेरी विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव, एझिनी 2024 के दौरान सोमायनम नाटक मंचन के बाद उठे विवाद में पुलिस ने कार्रवाई की है। कालापेट पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कई छात्रों और अन्य लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने नाटक के डायरेक्टर, स्टोरी राइटर सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। उधर, विवि ने भी इस मामले की जांच के लिए आंतरिक कमेटी का गठन कर दिया है।

पांडिचेरी विश्वविद्यालय ने के प्रभारी रजिस्ट्रार ने जारी आदेश में कहा कि विवि को प्रदर्शन कला विभाग में छात्रों द्वारा मंचित एक नाटक के खिलाफ शिकायत मिली है। मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। कमेटी इस मामले की जांच करेगी। उन्होंने स्टूडेंट्स से जांच में सहयोग करने और शांति बनाए रखने की अपील की है।

विवि में नाटक मंचन का क्या है मामला?

पांडिचेरी विवि के एनुअल फेस्ट के दौरान सोमायनम शीर्षक वाले नाटक का मंचन किया गया था। आरोप है कि इस नाटक में रामायण के पात्रों का कथित तौर पर विकृत और अपमानजनक चित्रण किया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस नाटक पर विरोध प्रदर्शन कर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आंदोलन की धमकी दी थी।

बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी ने नाटक की सामग्री के खिलाफ अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि देवी सीता और भगवान हनुमान जैसे हिंदू देवताओं का अपमान किसी भी सूरत में क्षम्य नहीं है। एबीवीपी के बयान के मुताबिक, नाटक में सीता को रावण को गोमांस की पेशकश करते हुए दिखाया गया, हनुमानजी के चरित्र को विकृत किया गया। नाटक में सीता के अपहरण को गलत तरीके से चित्रित कर अग्निपरीक्षा को भी अपमानजनक बनाया गया है।

एबीवीपी ने कहा: एबीवीपी पीयू के छात्रों ने 29 मार्च 2024 को डीपीए, पांडिचेरी विश्वविद्यालय एझिनी 2K24 द्वारा आयोजित एक उत्सव में हाल की घटना का विरोध किया। नाटक में रामायण का मजाक उड़ाया गया था। इसमें सीता को रावण को गोमांस भेंट करते हुए और हनुमानजी के चरित्र को विकृत करते हुए दिखाया गया था।

यह भी पढ़ें:

स्थापना दिवस पर सीबीआई को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बड़ी नसीहत, कहा-राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर फोकस करें केंद्रीय एजेंसियां