सार
बिहार में हुए जातिगत जनगणना का असर राजनीति पर दिखने लगा है और नेता खुलकर जातियों की बातें कर रहे हैं। ताजा मामला राहुल गांधी का है, जो पत्रकार वार्ता में क्लास टीचर की भूमिका में आ गए।
Rahul Gandhi Press Meet. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जाति जनगणना को लेकर पत्रकारों से ही सवाल पूछ लिया। उन्होंने प्रेस मीट के दौरान कहा कि जो लोग दलित या ओबीसी हैं, वे अपने हाथ उठाएं। वे ऐसा करके यह बताना चाहते थे कि देश के दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को देश की संपत्ति और संस्थानों में उचित शेयर नहीं मिला है। जिसके वे हकदार हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस मीट
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रेस वार्ता कर रहे थे। इसी बीच वे बोले कि इस कमरे में कितने दलित वर्ग के लोग हैं, इस कमरे में कितने ओबीसी वर्ग के लोग हैं, वे अपने हाथ उपर उठाएं। इसके बाद राहुल ने कहा कि अब आप समझ रहे होंगे कि कांग्रेस क्यों दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की बात करती है क्योंकि उन्हें देश की संपत्ति में उचित शेयर नहीं मिला है। जातियों की जनसंख्या के अनुसार उन्हें शेयर नहीं मिला है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यह जरूरी हो गया है कि हम सवाल पूछे, इसलिए मैं सिर्फ सवाल कर रहा हूं। मैं डाटा की बात नहीं कर हूं लेकिन एतिहासिक सवाल पूछ रहा हूं। ओबीसी वर्ग को कितना शेयर दिया गया है, दलित वर्ग को कितना शेयर दिया गया है। आदिवासी वर्ग को कितना शेयर दिया गया है। बाकी लोगों के पास कितना शेयर है। यह एक ऐतिहासिक सवाल है। राहुल ने कहा कि क्या हमारा आर्थिक मॉडल और पॉलिटिकल मॉडल इस पर आधारित है।
राहुल ने किया पीएम मोदी पर हमला
राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले समय में वे और भी ऐसे काम करेंगे। जाति जनगणना का कोई राजनैतिक उद्देश्य नहीं है लेकिन यह न्याय के लिए है। इसके पीछे कोई राजनैतिक गुणा-गणित नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री भी इसे बड़ा कदम मान रहे हैं।
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