सार

कोरोना वायरस के चलते संकट में जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से स्थिर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को तमाम बड़े कदम उठाए। इसमें रिवर्स रेपो रेट में कटौती, राज्यों की डब्ल्यूएमए सीमा बढ़ाने और एमएफआई और एनबीएफसी को 50  हजार करोड़ की मदद जैसे कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। 

बेंगलुरु. कोरोना वायरस के चलते संकट में जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से स्थिर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को तमाम बड़े कदम उठाए। इसमें रिवर्स रेपो रेट में कटौती, राज्यों की डब्ल्यूएमए सीमा बढ़ाने और एमएफआई और एनबीएफसी को 50  हजार करोड़ की मदद जैसे कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। भाजपा से राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इस कदमों के लिए आरबीआई की तारीफ की है। 

राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा, आरबीआई ने एक बार फिर स्थिर और ठोस कदम उठाए हैं। यही सही तरीका है। कोई दिखावा नहीं, बल्कि ठोस और स्थिर कदम, जिससे इस साल हमारी अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा जाए और अगले साल फिर रफ्तार मिले। 

 

 

बाजार का आत्मविश्वास और स्थिरता बढ़ेगी- भाजपा सांसद
राज्यों की डब्ल्यूएमए सीमा, एमएफआई और एनबीएफसी जैसे कदमों का जिक्र करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा,  ये कदम ठोस हैं और इनसे बाजार का आत्मविश्वास और स्थिरता बढ़ेगी। इससे हमारी अर्थव्यवस्था में भी मदद मिलेगी। 

आरबीआई ने उठाए ये कदम
आरबीआई ने राज्यों के डब्ल्यूएमए लिमिट में 60 फीसदी की बढ़ोतरी की। इसके अलावा एनपीए नियमों में 90 दिन की राहत दी है। सिडबी को 15 हजार करोड़, एनएचबी को 10 हजार करोड़ और नाबार्ड को 25 हजार करोड़ देने का ऐलान किया गया है। आरबीआई के मुताबिक, 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.4 रहने की आशंका जताई है। साथ ही आरबीआई ने भरोसा दिलाया है कि बाजार में नकदी की कोई कमी नहीं है।